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Sat, Dec 20, 2025

Thursday Special: मानसिक शांति के लिए जरूर करें ये उपाय, पूरी होगी हर इक्छा

Written by:Bhawna Choubey
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Thursday Special: गुरुवार को भगवान विष्णु और बृहस्पति ग्रह की पूजा का दिन माना जाता है। इस दिन इनकी पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।
Thursday Special: मानसिक शांति के लिए जरूर करें ये उपाय, पूरी होगी हर इक्छा

Thursday Special: हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन उनकी पूजा करने और व्रत रखने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-सौभाग्य के लिए गुरुवार का व्रत रखती हैं। अविवाहित लड़कियां शीघ्र विवाह और मनचाहा जीवनसाथी प्राप्ति के लिए गुरुवार का व्रत रखती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु ग्रह विवाह और संतान का कारक माना जाता है। कुंडली में गुरु मजबूत होने से अविवाहित लड़कियों की शीघ्र शादी हो जाती है।

पूजा विधि

ब्रह्म बेला में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। केले के पेड़ को जल अर्घ्य दें और उसके पास बैठकर भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा करें। भगवान विष्णु को पीले रंग के फल, फूल, वस्त्र, हल्दी, केसर, गुड़ और चने की दाल अर्पित करें। विष्णु चालीसा का पाठ करें और मंत्रों का जप करें। भगवान विष्णु की आरती गाएं।

विष्णु मंत्र

1. ॐ नमो नारायणाय नमः

यह मंत्र भगवान विष्णु का सबसे सरल और शक्तिशाली मंत्र है। इसका जाप करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

2. ॐ श्री विष्णुवे नमः

यह मंत्र भी भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए बहुत प्रभावशाली है। इसका जाप करने से भगवान विष्णु रक्षक बनकर भक्तों की रक्षा करते हैं।

3. ॐ विष्णु चक्राय नमः

यह मंत्र भगवान विष्णु के चक्र का प्रतिनिधित्व करता है। इसका जाप करने से भक्तों को नकारात्मक शक्तियों से रक्षा मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

श्री लक्ष्मीनारायण आरती

जय लक्ष्मी-विष्णो।

जय लक्ष्मीनारायण, जय लक्ष्मी-विष्णो।

जय माधव, जय श्रीपति, जय, जय, जय विष्णो॥

जय लक्ष्मी-विष्णो…

जय चम्पा सम-वर्णेजय नीरदकान्ते।

जय मन्द स्मित-शोभेजय अदभुत शान्ते॥

जय लक्ष्मी-विष्णो…

कमल वराभय-हस्तेशङ्खादिकधारिन्।

जय कमलालयवासिनिगरुडासनचारिन्॥

जय लक्ष्मी-विष्णो…

सच्चिन्मयकरचरणेसच्चिन्मयमूर्ते।

दिव्यानन्द-विलासिनिजय सुखमयमूर्ते॥

जय लक्ष्मी-विष्णो…

तुम त्रिभुवन की माता,तुम सबके त्राता।

तुम लोक-त्रय-जननी,तुम सबके धाता॥

जय लक्ष्मी-विष्णो…

तुम धन जन सुखसन्तित जय देनेवाली।

परमानन्द बिधातातुम हो वनमाली॥

जय लक्ष्मी-विष्णो…

तुम हो सुमति घरों में,तुम सबके स्वामी।

चेतन और अचेतनके अन्तर्यामी॥

जय लक्ष्मी-विष्णो…

शरणागत हूँ मुझ परकृपा करो माता।

जय लक्ष्मी-नारायणनव-मन्गल दाता॥

जय लक्ष्मी-विष्णो…

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)