हिंदुओं का महत्वपूर्ण त्योहार वृषभ संक्रांति (Vrishabha Sankranti 2025) आज है। यह मौसम के बदलाव का प्रतीक होने के साथ-साथ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। बता दें कि संक्रांति का पर्व सूर्य देव के 12 अलग-अलग राशियों में गोचर करने पर मनाया जाता है। ऐसे में कुल 12 संक्रांति पड़ती है। इस खास मौके पर दान पुण्य करना भी शुभ माना जाता है।
इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने और विधि विधान से उनकी पूजा अर्चना करने पर भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इसके अलावा, जीवन में बरकत आती है।
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:50 से दोपहर 12:45 तक रहेगा। इस दौरान शिव योग का निर्माण भी हो रहा है। इसके बाद सिद्धि योग शुरू हो जाएगा। बता दें कि सूर्य देव देर रात 12:11 बजे अपनी वर्तमान राशि मेष से निकलकर वृष राशि में प्रवेश कर चुके हैं। जिसका असर सभी 12 राशियों पर भी देखने को मिल रहा है।
नदी में स्नान
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, वृषभ संक्रांति के दिन नदी में स्नान करना पवित्र माना जाता है। इस दिन व्रत रखना दान पुण्य और भगवान सूर्य की उपासना करना अति लाभदायक माना जाता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। यदि आप इस दिन गंगा नदी में स्नान करते हैं, तो आपके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा, आपको दिव्य पुण्य की प्राप्ति होती है। भगवान सूर्य को पूजा करने से आयु, स्वस्थ और तेज में वृद्धि होती है।
करें दान
इस दिन तिल-गुड़, देसी घी, शक्कर, वस्त्र, जल से भरे घड़े, फल-मिठाई, चांदी या तांबे के पात्र, आदि दान करने से सारे दुख दूर हो जाते हैं। इसलिए कोशिश करें कि इस दिन इन चीजों का दान करें।
महत्व
वृषभ संक्रांति का महत्व बहुत अधिक है। इस दिन सूर्य देव मेष राशि से निकलकर वृष राशि में प्रवेश करते हैं। जिसे पुण्य काल के रूप में देखा जाता है। इस दौरान स्नान दान, जप और तप करने से सारे पाप खत्म हो जाते हैं। इसके अलावा, जीवन में सकारात्मक ऊर्जाएं और आत्मिक शुद्ध आती है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)





