Fri, Dec 26, 2025

कुंडली का ये राजयोग बना देता है राजा, करियर में सफलता के साथ मजबूत होती है आर्थिक स्थिति

Written by:Ayushi Jain
Published:
कुंडली का ये राजयोग बना देता है राजा, करियर में सफलता के साथ मजबूत होती है आर्थिक स्थिति

Rajyog 2025

Trikon Rajyog : ज्योतिष शास्त्र में राजयोग का काफी ज्यादा महत्व माना गया है। जिस भी व्यक्ति की कुंडली में राजयोग पाया जाता है वो व्यक्ति जीवन में काफी ज्यादा तरक्की करता है। इतना ही नहीं उस व्यक्ति के जीवन में व्यारे न्यारे रहते हैं। उस व्यक्ति को भाग्यशाली माना जाता है। लेकिन जिस भी व्यक्ति की कुंडली में राजयोग नहीं होता है उस व्यक्ति को जीवन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वह जीवन में कई समस्याओं से जूझता है।

कुछ राजयोग ऐसे होते हैं जो बहुत अच्छे माने जाते हैं लेकिन कुछ राजयोग ऐसे होते हैं जो राजयोग का अच्छा प्रभाव खत्म कर देते हैं। आज हम आपको एक ऐसे राजयोग के बारे में बताने जा रहे हैं जो किसी की कुंडली में बनता है तो व्यक्ति को ऐसे फल मिलने लगते हैं जिसकी वह कल्पना भी नहीं कर सकता है। उस योग का नाम त्रिकोण राजयोग है। ये बहुत शुभ और फलदाई माना जाता है। कहा जाता है कि जब कुंडली में ये योग मजबूत होता है तब कुंडली में मौजूद शनि की साढ़ेसाती भी खत्म हो जाती है।

क्या होता है Trikon Rajyog

त्रिकोण राज योग जिस भी व्यक्ति की कुंडली में पाया जाता है उसे व्यक्ति के लिए वह योग बहुत ही सौभाग्य देता है। उसके पास धन समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं जातकों को जीवन में अपार सफलता हासिल होती है। त्रिकोण राजयोग व्यक्ति को जीवन में राजा बना देता है।

उसका जीवन राजा की तरह व्यतीत होता है। कुछ क्षेत्रों में जातकों को काफी ज्यादा लाभ होता है। वहीं सफलता और तरक्की भी तेजी से मिलती है। सेहत और पारिवारिक जीवन में भी काफी ज्यादा सुधार बना रहता है। इन जातकों की दिन दुगनी रात चौगुनी तारक की करने के योग बनते हैं। यह योग कुंडली के सभी बुरे प्रभाव को दूर करने में सहायता करता है।

कैसे बनता है ये Rajyog

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुंडली में पहले, पांचवा और नया घर त्रिकोण योग बनता है। यह सबसे अच्छे घर माने जाते हैं। ज्योतिषों की माने तो पहले घर को केंद्र और त्रिकोण कहा जाता है। यह बहुत शुभ और फलदाई होता है। इसके अलावा कुंडली में 3 केंद्र भाव जैसे 4, 7, 10 और 3 त्रिकोण भाव जैसे 1, 5, 9 जब आपस में युति या राशि परिवर्तन करते हैं, तब त्रिकोण राज्यों का निर्माण होता है।

ऐसे में कब कुंडली के केंद्र में ये योग बनता है तो जातकों को धन-संपदा में सफलता मिलती है। इतना ही नहीं उनके पास पुरानी संपत्ति भी काफी ज्यादा रहती है। ये जातक ज्यादा बीमार भी नहीं होते हैं। इनके पास धन की भी कमी नहीं रहती है है। ये जीवन में नास्तिकता नहीं रहती है। ये आध्यात्मिकता की तरफ ज्यादा रहते हैं। ये धीरे-धीरे अपने आध्यत्मिक ज्ञान को बढ़ा लेता है।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।