अन्नपूर्णा जयंती पर अपनाएं ये विशेष उपाय, घर में कभी नहीं होगी अन्न की कमी

Annapurna Jayanti 2024: अन्नपूर्णा जयंती के दिन कुछ सरल और प्रभावशाली उपाय को अपनाकर हम अपने घर में अन्न की कभी कमी नहीं होने का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप भी चाहते हैं कि आपके घर में सदैव अन्न का भंडार बना रहे तो अन्नपूर्णा जयंती पर इन उपायों को जरूर अपनाएं।

Bhawna Choubey
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Annapurna Jayanti 2024: धार्मिक ग्रंथो के अनुसार मां अन्नपूर्णा को अन्न की देवी माना जाता है, जो सभी जीवों को आहार प्रदान करने वाली देवी हैं। हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष माह की अष्टमी तिथि को अन्नपूर्णा जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन को लेकर ऐसा माना जाता है, कि इस दिन माता पार्वती ने धरती पर मां अन्नपूर्णा के रूप में अवतार लिया था।

इस दिन विशेष रूप से मां अन्नपूर्णा की पूजा करने से जीवन में दरिद्रता दूर होती है और अन्न का भंडार कभी खाली नहीं होता, जो व्यक्ति इस दिन कुछ खास उपायों को अपनाता है, उसे हमेशा संपत्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

कब है अन्नपूर्णा जयंती 2024 (Annapurna Jayanti 2024)

हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि 14 दिसंबर को शाम 4 बजकर 58 मिनट पर प्रारंभ होगी और 15 दिसंबर को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार इस वर्ष अन्नपूर्णा जयंती 15 दिसंबर को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रूप से मां अन्नपूर्णा की पूजा करने का महत्व है, जो जीवन में समृद्धि, सुख शांति और अन्न से संबंधित समस्त संकटों से मुक्ति दिलाती हैं।

चूल्हे की पूजा का विशेष महत्व

अन्नपूर्णा जयंती के दिन चूल्हे की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चूल्हे की विधि विधान से पूजा करने से घर में धन-धान्य की कमी कभी नहीं होती है और अन्न का भंडार हमेशा भरा रहता है। चूल्हे की पूजा करने से घर में समृद्धि आती है और परिवार में सुख शांति बनी रहती है।

शुरू की 3 रोटियों का महत्त्व

अन्नपूर्णा जयंती के दिन चूल्हे की पूजा करने के बाद विशेष रूप से यह माना जाता है की पहली रोटी गौ माता को खिलानी चाहिए। इसके बाद दूसरी रोटी कुत्ते के लिए बनानी चाहिए और तीसरी रोटी कौवे के लिए। इसे धार्मिक मान्यता के अनुसार ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती है और घर में हमेशा के लिए वास करती हैं।

शनि दोष से छुटकारा पाने के लिए

अगर कोई व्यक्ति शनि दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो उसे अन्नपूर्णा जयंती के दिन काले तिल के लड्डू बनाने चाहिए और उसे किसी मंदिर में जाकर शनिदेव को अर्पित करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि काले तिल का यह भोग शनिदेव को अर्पित करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति पर शनि देव की कृपा बनी रहती है।

जरूरतमंदों को दान करें

अन्नपूर्णा जयंती के दिन जरूरतमंदों को अन्न का दान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए अन्न दान से व्यक्ति के जीवन में कभी अन्न और धन की कमी नहीं होती है। साथ ही यह दान व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और खुशहाली लाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अन्न दान से भगवान अन्नपूर्णा की कृपा बनी रहती है, और जीवन में सुख समृद्धि के द्वार खुलते हैं।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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