वैशाख महीने की अमावस्या तिथि को दर्श अमावस्या (Vaishakh Amavasya) के नाम से भी जाना जाता है। इस साल वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल 2025 को मनाई जा रही है। सनातन धर्म नहीं अमावस्या का विशेष स्थान होता है, ख़ासकर पितरों की कृपा पाने के लिए। इस दिन पूजा पाठ पिंडदान और तर्पण जैसे कर्म करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं, परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है।
ऐसा माना जाता है कि अमावस्या पर दान करने से दोषों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। वही इस दिन नए कार्यों की शुरूआत से परहेज़ करना चाहिए। आइए जानते हैं वैशाख अमावस्या का महत्व, पूजा विधि और इस दिल से जुड़ी कई बातें।

वैशाख दर्शन अमावस्या 2025 का शुभ मुहूर्त और महत्व
वैशाख माह की अमावस्या इस बार 27 अप्रैल 2025, शनिवार के दिन पड़ रही है। इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान, दान और श्राद्ध कर्म करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान और पितरों के नाम पर तर्पण करने से समस्त दोषों से मुक्ति मिलती है और पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
वैशाख अमावस्या पर क्यों करें पूर्वजों का तर्पण और दान?
वैशाख अमावस्या को “पितृ शांति” के लिए सबसे श्रेष्ठ दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन जल में तिल, फूल, काले तिल और कुशा डालकर पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। अगर इस दिन पितरों के निमित्त दान-पुण्य किया जाए तो घर की बाधाएं समाप्त होती हैं और भाग्य में वृद्धि होती है। खासतौर पर इस दिन अन्न, वस्त्र, जल और छाता दान करने का विशेष महत्व बताया गया है। साथ ही गरीबों को भोजन कराना भी पुण्यकारी माना जाता है।
वैशाख अमावस्या 2025 पर जरूर करें ये विशेष कार्य
वैशाख अमावस्या पर कुछ खास कार्य करना बेहद शुभ माना गया है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर नदी स्नान संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करना भी उतना ही पुण्यकारी होता है। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें और पूर्वजों के लिए तर्पण करें। इसके बाद मंदिर जाकर भगवान विष्णु और शिवजी का जलाभिषेक करें। खासकर, भगवान विष्णु के 108 नामों का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। इससे पितृ दोष दूर होते हैं और जीवन में समृद्धि आती है।
वैशाख अमावस्या पर दान करने से मिलते हैं ये विशेष लाभ
वैशाख अमावस्या पर दान का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन अन्न, वस्त्र, घी, तिल, सोना, चांदी और छाता दान करने से अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है। जो लोग आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह दिन धन प्राप्ति के योग बनाने वाला होता है। साथ ही, जिन घरों में बार-बार कोई न कोई समस्या आती रहती है, उनके लिए वैशाख अमावस्या पर श्राद्ध व दान करना संकट निवारण का उपाय माना गया है।
विशेष रूप से ब्राह्मणों को भोजन कराना और दक्षिणा देना पितृगणों को अत्यंत प्रिय होता है। यह दिन सिर्फ पुण्य कमाने का नहीं बल्कि, अपने कुल की उन्नति और घर-परिवार की सुख-शांति के लिए भी महत्वपूर्ण है।
विष्णुजी के 108 नामों का जाप करें
वैशाख अमावस्या के दिन भगवान विष्णु के 108 नामों का जाप करना विशेष फलदायक बताया गया है। इन नामों का उच्चारण करने से मन को शांति मिलती है और पितरों की आत्मा को भी बल मिलता है। यह जाप सूर्योदय के समय करना अधिक फलदायक होता है। अगर संभव हो तो पूरे परिवार के साथ मिलकर भगवान विष्णु की पूजा करें और घर में भजन-कीर्तन का आयोजन करें। इससे न सिर्फ पितृदोष समाप्त होता है बल्कि परिवार में प्रेम और एकता भी बनी रहती है।
भगवान विष्णु के प्रमुख नाम – नारायण, वासुदेव, माधव, गोविंद, विष्णु, मधुसूदन, त्रिविक्रम, वामन, श्रीधर, हृषीकेश, पद्मनाभ, दामोदर आदि। हर नाम का उच्चारण करते समय भगवान विष्णु का ध्यान अवश्य करें।
वैशाख अमावस्या 2025 पर घर में सुख-समृद्धि के लिए करें ये उपाय
- अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहे, तो वैशाख अमावस्या पर कुछ सरल उपाय जरूर करें।
- इस दिन तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं और भगवान विष्णु को तुलसी पत्र अर्पित करें।
- घर के मुख्य द्वार पर गंगाजल का छिड़काव करें और घर को साफ-सुथरा रखें।
- रात के समय घर के मंदिर में घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता से सुख-समृद्धि की कामना करें।
- साथ ही, जरूरतमंदों को भोजन कराने से पितरों की कृपा बनी रहती है।
- अगर संभव हो तो इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर सात बार परिक्रमा करें।
- यह उपाय जीवन में हर तरह की नकारात्मकता को दूर करता है और सौभाग्य को बढ़ाता है।