Vaman Jayanti 2023 : वामन द्वादशी, जिसे अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे वामन जयंती या वामन द्वादशी व्रत हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान विष्णु के पूर्णावतार वामन भगवान की जयंती के रूप में मनाई जाती है जो कि भगवान विष्णु के दसवें अवतार में से एक हैं। इस दिन भक्त भगवान वामन की पूजा करते हैं और विष्णु सहस्रनामा नामावली का पाठ करते हैं। कुछ लोग इस दिन उपवास भी रखते हैं। विष्णु भक्त इस दिन विष्णु मंदिरों में जाकर दर्शन और आरती करते हैं।
तिथि
वामन द्वादशी का प्रारम्भ 26 सितंबर 2023, मंगलवार के दिन सुबह 05 बजे से हो रहा है। जिसका समापन 27 सितंबर 2023, बुधवार के दिन सुबह 01 बजकर 45 मिनट पर होगा।
पूजा सामग्री
- भगवान विष्णु की मूर्ति, प्रतिमा या चित्र
- तुलसी के पत्ते
- फूल, धूप, दीप, अगरबत्ती
- जल, दूध, घी, धनिया पाउडर, यथासंख्यक फल, आदि
पूजा विधि
- पूजा के लिए एक शुद्ध स्थान चुनें और उसे सफाई से धोएं।
- वामन जयंती के दिन सुबह उठकर निर्धौत रूप से स्नान करें।
- पूजा स्थल पर एक आसन पर बैठें और मन को शांत करने के लिए ध्यान करें।
- भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को साफ कपड़े से पोंछें और उसे पूजा स्थल पर रखें।
- भगवान विष्णु को तुलसी के पत्तों से सजाएं।
- फूल, धूप, दीप, अगरबत्ती का आराधना करें।
- भगवान विष्णु की मूर्ति को गंगाजल, दूध, घी, धनिया पाउडर और यथासंख्यक फलों के साथ आरती करें।
- भगवान विष्णु के चरणों में पुष्प और चंदन का तिलक लगाएं।
- मन्न और प्रसाद के रूप में अर्पित करें।
- अंत में विष्णु भगवान की आरती गाएं और प्रार्थना करें।
महत्व
वामन द्वादशी का महत्व है क्योंकि इसे भगवान विष्णु के वामन अवतार की जयंती के रूप में मनाने का दिन माना जाता है, जिसमें भगवान विष्णु ने बालि राजा के बलिदान के द्वारा देवताओं की रक्षा की थी। इसके अलावा, इस दिन का उपवास और पूजा विष्णु भक्तों के लिए आत्मा की शुद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण होता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना अलग-अलग जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)