Vashi Rajyog : राजयोग का ज्योतिष शास्त्र में काफी ज्यादा महत्व माना गया है। राजयोग कई प्रकार के होते हैं जो अगर व्यक्ति की कुंडली में पाए जाए तो उसका जीवन सफल हो जाता है। कुछ राजयोग बेहद भाग्यशाली माने जाते हैं तो कुछ राजयोग लोगों को जीवन में परेशानी भी देते हैं। कहा जाता है जिन जातकों की कुंडली में राजयोग पाया जाता है उसके जीवन में अपार सफलता, धन लाभ के साथ-साथ मान-सम्मान और प्रतिष्ठा हासिल होती है। वहीं अगर जातक के कुंडली में राजयोग नहीं होता है उसको जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
आज हम आपको एक ऐसे राजयोग के बारे में बताने जा रहे हैं जो जातकों को अच्छा खासा लाभ पहुंचता है। यह राजयोग सूर्य से संबंधित है। जी हां हम जिस राजयोग की बात कर रहे हैं उसका नाम वासी राजयोग है। ये योग तब बनता है जब चंद्रमा को छोड़कर सूर्य से बारहवें भाव में ग्रह हों। ये योग कुछ भाग्यशाली राशियों में ही निर्मित होता है। जिसका लाभ उन्हें काफी ज्यादा मिलता है। चलिए जानते हैं इस राजयोग के बारे में –
वासी राजयोग कैसे होता है निर्मित
वासी राजयोग कुंडली में तब बनता है जब सूर्य मजबूत हो। जिस कुंडली में सूर्य मजबूत होता है उस व्यक्ति को इस राजयोग का काफी ज्यादा लाभ मिलता है। इस राजयोग को उत्तम फलदायी बताया गया है। राशि के परिवर्तन होने पर इस योग का निर्माण होता है। जब सूर्य से द्वादश स्थान मे चंद्र को छोड़कर कोई अन्य ग्रह विद्यमान हो तो वासी योग का निर्माण होता है। अतः यदि सूर्य से द्वादश भाव मे मंगल, बुध, शुक्र, गुरु ,शनि हो तो वासी योग का निर्माण होता है।
Vashi Rajyog के फल
वासी राजयोग व्यक्ति को बुद्धिमान, ज्ञानी और धनवान बनाता है। इस योग वाला व्यक्ति बहुत शान-ओ-शौकत से रहता है और आलीशान जीवन जीता है। इस योग की वजह से व्यक्ति बहुत सारी विदेश यात्राएं करता है। अगर व्यक्ति घर से दूर जाकर नौकरी या बिजनेस या फिर पढ़ाई करते हैं तो उन्हें खूब सफलता मिलती है। जिस भी व्यक्ति की कुंडली में ये योग बनता है उन जातकों को रोजाना जल चढ़ाना चाहिए। वहीं लकड़ी के पलंग पर उन जातकों को सोना चाहिए।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।