हर घर में पूजा घर एक पवित्र स्थान होता है, जहां सुबह-शाम दीपक जलाकर भगवान की आराधना की जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि अगर पूजा स्थान वास्तु के अनुसार (Vastu Tips) न बना हो, तो यही मंदिर आपके जीवन में परेशानियों की जड़ बन सकता है?
जी हां, पूजा घर से जुड़े कुछ सामान्य लेकिन गंभीर वास्तु दोष न सिर्फ मानसिक तनाव बढ़ाते हैं, बल्कि आर्थिक तंगी, पारिवारिक कलह और लगातार नुकसान का कारण भी बन सकते हैं। ऐसे में अगर आपके घर में बार-बार समस्याएं आ रही हैं, तो पूजा घर की दिशा और स्थिति जरूर चेक करें।
कैसे बनता है पूजा घर का वास्तु दोष अशुभ घटनाओं की वजह
1. गलत दिशा में बना मंदिर बढ़ाता है आर्थिक संकट
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर को हमेशा घर के उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में होना चाहिए। अगर मंदिर दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में बना हो, तो ये दिशा यम और रण का प्रतीक मानी जाती है, जिससे घर में गरीबी, बीमारियां और मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
2. फर्श पर सीधे मंदिर रखना बढ़ाता है नकारात्मकता
कई लोग भगवान की मूर्तियां या तस्वीरें सीधे जमीन पर रख देते हैं, जो वास्तु दोष उत्पन्न करता है। मूर्ति को हमेशा लकड़ी की चौकी या मंदिर में थोड़े ऊंचे स्थान पर रखें। यह न केवल पूजा में शुद्धता बनाए रखता है, बल्कि पॉजिटिव एनर्जी भी घर में बनी रहती है।
3. टूटी-फूटी मूर्तियां और गंदा मंदिर बनता है दुर्भाग्य का कारण
अगर पूजा घर में टूटी हुई मूर्तियां, धूल-धक्का जमा हो या तेल और कपूर का जमाव हो, तो यह साफ-साफ वास्तु दोष होता है। इससे घर के सदस्यों के बीच झगड़े बढ़ते हैं, स्वास्थ्य बिगड़ता है और रोजमर्रा की परेशानियां सिर उठाने लगती हैं। पूजा घर को हमेशा स्वच्छ और सुव्यवस्थित रखें।





