इस दिन कपड़े धोना पड़ सकता है भारी, घर से चली जाती है बरकत और पैसा

वास्तु शास्त्र के मुताबिक हफ्ते के कुछ खास दिन ऐसे होते हैं जब कपड़े धोने से घर में नेगेटिविटी आ जाती है। ऐसा करने से घर की सुख-शांति और बरकत पर बुरा असर पड़ता है। जानिए कौन-से दिन कपड़े धोने से बचना चाहिए और क्यों।

वास्तु शास्त्र में हर दिन का एक खास महत्व होता है। कुछ दिन ऐसे होते हैं जो केवल पूजा-पाठ या विश्राम के लिए माने जाते हैं। अगर इन खास दिनों में कपड़े धोए जाएं, तो माना जाता है कि घर की नेगेटिव एनर्जी बढ़ती है और धन की हानि होती है।

खासतौर पर गुरुवार और शनिवार को कपड़े धोना अशुभ (Vastu Tips) माना गया है। गुरुवार को भगवान विष्णु का दिन होता है और शनिवार को शनि देव का। इन दिनों घर के कामों में ज़रूरत से ज़्यादा हलचल करने से इन देवताओं की कृपा रुक सकती है।

गुरुवार को कपड़े धोने से क्यों बचें

गुरुवार को कपड़े धोना, बाल काटना या दाढ़ी बनवाना वर्जित माना गया है। इस दिन को ज्ञान, समृद्धि और गुरु की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि गुरुवार को कपड़े धोने से लक्ष्मी माता नाराज़ होती हैं और घर की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है। कई परिवारों में आज भी गुरुवार को कपड़े धोना या घर में झाड़ू-पोंछा करना पूरी तरह से टाल दिया जाता है। ऐसा करना शुभता बनाए रखने का एक तरीका माना जाता है।

शनिवार को कपड़े धोना क्यों लाता है गरीबी

शनिवार को शनि देव की पूजा की जाती है। यह दिन कर्म, न्याय और सख्ती का प्रतीक माना गया है। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए लोग इस दिन व्रत रखते हैं, दान करते हैं। लेकिन अगर इस दिन कपड़े धोने जैसे कार्य किए जाएं, तो इसे अपशकुन माना जाता है। वास्तु शास्त्र कहता है कि इससे जीवन में रुकावटें, पैसा अटकना और कोर्ट-कचहरी के झंझट शुरू हो सकते हैं। खासतौर पर अगर घर में पहले से ही धन से जुड़ी दिक्कतें हैं, तो शनिवार को कपड़े धोने से स्थिति और बिगड़ सकती है।

इसका सामाजिक असर और आज की सोच

आज के दौर में बहुत लोग इन बातों को अंधविश्वास मानते हैं, लेकिन कई घरों में आज भी ये परंपराएं पूरी श्रद्धा से निभाई जाती हैं। कई वास्तु एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ये नियम सिर्फ धार्मिक कारणों से नहीं, बल्कि मानसिक शांति और दिनचर्या को संतुलित रखने के लिए भी बनाए गए हैं। अगर हम थोड़ी सजगता रखें और इन परंपराओं को समझें, तो ज़िंदगी में संतुलन बनाए रखना आसान हो जाता है।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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