क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी वर्किंग डेस्क के रंग भी आपकी तरक्की को प्रभावित कर सकते हैं? वास्तु शास्त्र (Vastu Tips) के अनुसार, कुछ रंग ऐसे होते हैं जो काम की जगह पर निगेटिविटी फैला सकते हैं और आपके करियर में रुकावट ला सकते हैं।
बहुत से लोग ऑफिस डेस्क को सजाते समय सिर्फ लुक्स या ट्रेंड को ध्यान में रखते हैं, लेकिन वास्तु एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कुछ खास रंगों से दूर रहना बेहद जरूरी है। खासकर लाल, काला और भूरा ये तीन रंग वर्क स्पेस में न सिर्फ नकारात्मकता बढ़ाते हैं, बल्कि करियर ग्रोथ को भी धीमा कर सकते हैं।
किन रंगों से करना चाहिए बचाव?
लाल रंग
लाल रंग को अक्सर एनर्जी और पैशन का प्रतीक माना जाता है, लेकिन ऑफिस डेस्क पर इसका ज्यादा इस्तेमाल टेंशन बढ़ा सकता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, लाल रंग का सीधा संबंध क्रोध, जल्दबाज़ी और अस्थिरता से है। ये गुण किसी भी प्रोफेशनल माहौल के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं। अगर आपकी डेस्क पर लाल डायरी, स्टैंड या डेकोर आइटम हैं, तो उन्हें हटा देना ही बेहतर होगा।
काला रंग
काले रंग को अक्सर क्लासिक और एलीगेंट माना जाता है, लेकिन वास्तु के अनुसार यह रंग डिप्रेशन और लो एनर्जी का संकेत देता है। वर्किंग डेस्क पर काले रंग की अधिकता आपके सोचने की क्षमता को सीमित कर सकती है और नकारात्मकता बढ़ा सकती है। खासकर अगर आपका चेयर, माउस पैड या लैपटॉप कवर काला है, तो उसे बदलने की सलाह दी जाती है।
भूरा रंग
भूरा रंग जमीन से जुड़ाव का प्रतीक जरूर है, लेकिन यह स्थिरता और सुस्ती भी दर्शाता है। वर्क डेस्क पर भूरा रंग आपकी प्रोफेशनल एनर्जी को ब्लॉक कर सकता है, जिससे आप नए मौके पहचान नहीं पाते। वास्तु एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस रंग से आपके विचारों में जड़ता आ सकती है जो ग्रोथ के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
कौन-से रंग करें इस्तेमाल?
अगर आप वर्किंग डेस्क को वास्तु के अनुसार सेट करना चाहते हैं, तो हल्के हरे, नीले और सफेद रंगों का इस्तेमाल करें। ये रंग न केवल माइंड को शांत रखते हैं, बल्कि आपके करियर में पॉजिटिव एनर्जी भी बनाए रखते हैं।





