Vastu Tips: क्या पितरों की तस्वीरें मंदिर में रखना शुभ है? जानें क्या कहता है वास्तु शास्त्र

Vastu Tips: अभी पितृपक्ष चल रहा है, हिंदू धर्म में पितृपक्ष विशेष महत्व रखता है। इसी से जुड़ी आज हम कुछ बातें आपको बताएंगे। पितरों की तस्वीर को लेकर कई मान्यताएं हैं।

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Vastu Tips: जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व होता है। ज्यादातर लोग घर के निर्माण के दौरान वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करते हैं लेकिन इसके अलावा भी कई छोटी से बड़ी चीजों में भी वास्तु शास्त्र के नियमों का ध्यान रखना जरूरी है। न सिर्फ घर के निर्माण में बल्कि घर में किस वस्तु को किस दिशा में रखना चाहिए इस बात का वर्णन भी वास्तु शास्त्र में किया गया है।

अभी पितृपक्ष चल रहा है, हिंदू धर्म में पितृपक्ष विशेष महत्व रखता है। इसी से जुड़ी आज हम कुछ बातें आपको बताएंगे। पितरों की तस्वीर को लेकर कई मान्यताएं हैं। घर के मंदिर में पितरों की तस्वीर रखने के बारे में अलग-अलग मत है। कुछ लोगों का ऐसा मानना है की घर के मंदिर में तस्वीर रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जबकि, कुछ का मानना है कि ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है। इस बात में कितना सच है और कितना झूठ आज हम आपको वास्तु शास्त्र के हिसाब से बताएंगे।

मंदिर में रखनी चाहिए तस्वीर या नहीं?

1. वास्तु शास्त्र की माने तो घर के मंदिर में पितरों की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। घर के मंदिर को देवी-देवताओं का स्थान माना जाता है। इसलिए मंदिर में केवल देवी-देवताओं की तस्वीर रखने का विधान है।

2. पितरों का स्थान देवी देवताओं से नीचे माना जाता है। यह धार्मिक मान्यता है की देवी देवता सर्वोच्च है और उनकी पूजा सबसे पहले की जाती है। पितर हमारे पूर्वज है जिनके हम सम्मान करते हैं लेकिन वे देवी-देवताओं के समान स्तर पर नहीं होते हैं। इसलिए पितरों की तस्वीर को घर के मंदिर में नहीं रखना चाहिए।

3. वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर में पितरों की तस्वीर रखने से न केवल वास्तु दोष लगता है बल्कि घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी बढ़ जाता है। पितरों को श्रद्धा और सम्मान देना तो आवश्यक है लेकिन उनका स्थान मंदिर नहीं होता। ऐसे में पितृ दोष लग सकता है पितृ दोष लगने के कारण व्यक्ति को तमाम परेशानियां झेलनी पड़ा।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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