Wed, Dec 24, 2025

विदेश जाने के संयोग निर्मित करता है कुंडली का ये योग, जानें किन राशियों को मिलता है लाभ

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
विदेश जाने के संयोग निर्मित करता है कुंडली का ये योग, जानें किन राशियों को मिलता है लाभ

Videsh Yatra Yog : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के गोचर काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि सभी ग्रह एक निश्चित समयानुसार राशि परिवर्तन करते हैं। जिससे सभी राशियों पर इसका शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति उनके संयोजन, दृष्टि और योग के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करते हैं, जैसे कि स्वास्थ्य, परिवार, करियर, विवाह, आदि। हालांकि, ज्योतिष शास्त्र का महत्व और उसका प्रभाव हर व्यक्ति के लिए भिन्न हो सकता है। वहीं, कुंडली की बातें ग्रहों पर भी निर्भर करती है। ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक, यदि आपकी कुंडली सूर्य लग्न की स्थिति में हो तो विदेश यात्रा करने के योग बनते हैं। आइए जानते हैं किन राशियों के जातकों के लिए विदेश यात्रा के योग बनते हैं…

इन राशियों के लोग जाते हैं विदेश

इन राशियों के जातकों के लिए विदेश यात्रा की संभावना अधिक होती है।

  • वृषभ
  • कन्या
  • मकर
  • तुला
  • मिथुन
  • कुंभ

ऐसे बनते हैं यात्रा के योग

जन्मकुंडली का बारहवां भाव (त्रैमासिक भाव) विदेश यात्रा से संबंधित होता है जबकि चंद्रमा को विदेश यात्रा के नैसर्गिक कारक माना जाता है। इसके अलावा, दशम भाव (कर्म भाव) कार्यक्षेत्र और आजीविका से संबंधित होता है। वहीं, शनि ग्रह को आजीविका के नैसर्गिक कारक माना जाता है। इसलिए कुंडली में इन सभी की वर्तमान स्थिति का अध्ययन किया जाता है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति और उनके संयोजनों के आधार पर विदेश यात्रा के योग बनते हैं। व्यक्ति की जन्मकुंडली में शनि और राहु के मजबूत होने पर विदेश जाने की प्रवृत्ति हो सकती है क्योंकि ये ग्रह व्यक्ति के करियर और आजीविका क्षेत्र को प्रभावित करते हैं, जिससे उन्हें विदेश में नौकरी या अध्ययन की स्थापना करने का आवसर मिलता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)