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Sun, Dec 21, 2025

Vijaya Ekadashi: 6 मार्च को रखा जाएगा विजया एकादशी का व्रत, लगाएं ये भोग, मिलेगी शत्रुओं पर विजय

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
Vijaya Ekadashi: 6 मार्च को रखा जाएगा विजया एकादशी का व्रत, लगाएं ये भोग, मिलेगी शत्रुओं पर विजय

Vijaya Ekadashi : हिन्दू पंचांग के अनुसार, विजया एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। यह पर्व फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। इस व्रत का उल्लेख पुराणों में भी किया गया है। वहीं, इस बार यह व्रत 6 मार्च को रखा जाएगा। इस दौरान भगवान की उपासना करने वाले भक्तों को शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। सनातन धर्म में भगवान विष्णु के लिए यह व्रत समर्पित है। इस दिन श्री हरि को कुछ ऐसे भोग लगाने चाहिए, जिससे माता लक्ष्मी की भी विशेष कृपा आप पर बनेगी। आइए जानते हैं विस्तार से…

जानें शुभ मुहूर्त

  • हिन्दू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी 6 मार्च 2024 से शुरू होकर 7 मार्च 2024 तक रहेगी।

इस समय करें पारण

  • विष्णु पूजा समय – सुबह 06.41 से सुबह 09.37 तक (7 मार्च 2024)
  • विजया एकादशी का व्रत पारण (गृहस्थ) – दोपहर 01.43 से शाम 04.04 तक (7 मार्च 2024)
  • विजया एकादशी का व्रत पारण (वैष्णव) – सुबह 06.38 से सुबह 09.00 तक (8 मार्च 2024)

इन चीजों का लगाएं भोग

पंचामृत

  • वैसे तो हर पूजा में पंचामृत का भोग लगाया जाता है, लेकिन विजया एकादशी के दिन यह भोग अवश्य लगाना चाहिए। क्योंकि यह भगवान विष्णु का प्रिया भोग है।
  • इससे जातक के जीवन में सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है और सारी परेशानियां का हाल हो जाता है।

पंजीरी

  • अपने पंजीरी के बारे में तो अवश्य सुना होगा, तो विजय एकादशी पर धनिया से बनी हुई पंजीरी का भोग लगाएं। इससे भगवान अति शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।
  • बता दें कि धनिया की पंजीरी चढ़ाने से जातक को भगवान विष्णु की पूर्ण कृपा मिलती है। इसके बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए इसे भोग के तौर पर अवश्य चढ़ाएं।

खीर

  • इसके अलावा, इस दिन भगवान को खीर चढ़ाना चाहिए जोकि केसर का बना होता है। यह काफी शुभ माना जाता है।
  • इस खीर को आपके बिना चावल के बनाना है क्योंकि एकादशी व्रत रखने वालों को चावल खाना मना होता है। इसलिए केसर से बनी खीर भगवान को भोग के तौर पर चढ़ाएं।

महत्व

पौराणकि कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने इस दिन एकादशी की व्रत की, जिससे उन्हें विजया यानी जीत की प्राप्त हुई थी। इसके अलावा भगवान राम भी इस दिन अपने वनवास से लौटे थे। तब से ही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा, व्रत, ध्यान, जप और कीर्तन किया जाता है।

करें ये उपाय

  • लोग इस दिन नीम के पेड़ की पूजा भी करते हैं। यहां तक कि कुछ लोग इस दिन नीम के पत्तों का सेवन भी करते हैं।
  • इसके अलावा, पूजा के दौरान साफ-सफाई का खास ख्याल रखें।
  • इस दिन का व्रत अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है और इसका पालन करने से व्यक्ति को समस्त बुराईयों से मुक्ति मिलने की प्राप्ति होती है। इसलिए लोग इसे बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)