24 फरवरी को है विजया एकादशी, इन गलतियों से बचें वरना नहीं मिलेगा व्रत का फल

विजया एकादशी 2025 (Vijaya Ekadashi) का पावन व्रत 24 फरवरी को रखा जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है.

Bhawna Choubey
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फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली एकादशी को विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi) कहा जाता है. यह दिन भगवान विष्णु और माता पार्वती को समर्पित होता है. विजय का दोषी का अपराध न सिर्फ़ धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी विशेष महत्व रखता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है.

अपने मन की इच्छा को पूरा करने के लिए और भगवान विष्णु और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए बहुत लोग इस दिन व्रत रखते हैं. लेकिन इस दिन की गई कुछ गलतियों की वजह से व्रत का फल नहीं मिल पाता है. इसलिए विजय एकादशी के दिन सिर्फ़ विधि विधान से पूजा अर्चना करना और व्रत रखना ही काफ़ी नहीं है, बल्कि कुछ विशेष नियमों का पालन करना भी ज़रूरी होता है.

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सात्विक भोजन करना चाहिए

सबसे ज़रूरी बात यह समझने की है कि विजया एकादशी के दिन सिर्फ़ शुद्ध और सात्विक भोजन नहीं करना चाहिए, इस दिन नॉनवेज ही नहीं बल्कि ज़्यादा तेल मसाले वाले भोजन का भी सेवन नहीं करना चाहिए. ख़ासतौर पर उन लोगों को तो बिलकुल भी नहीं करना चाहिए जिन लोगों ने एकादशी का व्रत रखा है. इसके अलावा इस दिन घर में खिचड़ी और चावल भी नहीं बनाना चाहिए.

काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए

अक्सर लोग कपड़े पहनने के दौरान रंगों पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन आपने एकादशी का व्रत रखा है, आप भगवान विष्णु और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने वाले हैं, तो भूलकर भी इस दिन काले रंग के वस्त्र न पहनें. पूजा के दौरान आप इस दिन पीले या फिर लाल रंग के वस्त्र पहनेंगे तो ज़्यादा अच्छा होगा.

बैंगन का न करें सेवन

जैसा कि हमने ऊपर जाना कि एकादशी के दिन भूलकर भी घर में चावल और खिचड़ी नहीं बनानी चाहिए, इसके अलावा बैंगन का भी सेवन एकादशी के दिन नहीं किया जाना चाहिए. कोशिश करें कि एकादशी के दिन सिर्फ़ और सिर्फ़ शुद्ध और सात्विक भोजन ही आप ग्रहण करें. ऐसा करने से व्रत का शुभ फल प्राप्त होता है.

इन चीज़ों का भी न करें सेवन

इसके अलावा विजया एकादशी के दिन प्याज़ और लहसून का सेवन भी नहीं करना चाहिए न ही ऐसे व्यंजनों का सेवन करना चाहिए जिनमें प्याज़ और लहसून की मात्रा हो, साथ ही साथ इस सदी शराब का सेवन भी नहीं करना चाहिए और न ही धूम्रपान करना चाहिए. अगर आप इन सब चीज़ों का पालन कर लेते हैं तो आपको एकादशी के व्रत का फल अवश्य प्राप्त होगा.

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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