Vinayak Chaturthi : गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था। लोग इस दिन व्रत रखकर गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना करते हैं। उनसे ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य की कामना करते हैं। धूप, दीप, फल, फूल आदि से उनकी आराधना की जाती है। भक्त विशेष रूप से भगवान गणेश के भजन गाते हैं इसी कड़ी में इस साल 13 फरवरी को विनायक चतुर्थी मनाया जाएगा। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि बताएंगे।
शुभ मुहूर्त
शुरुआत: 12 फरवरी, शाम 05 बजकर 44 मिनट
समापन: 13 फरवरी, दोपहर 02 बजकर 41 मिनट
पूजा का समय
सुबह 11 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक।
पूजा विधि
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- साफ धुले हुए वस्त्र धारण करें।
- जिसके बाद पूजा स्थल का चुनाव करें।
- वहां पर एक लकड़ी की चौकी पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
- पूजा की शुरुआत सिंदूर का तिलक लगाकर करें।
- इसके बाद, दूर्वा और पीला फूल अर्पित करें।
- भगवान के समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं।
- भोग के तौर पर मोदक और बूंदी के लड्डू चढ़ाएं।
- इसके बाद विनायक कथा का पाठ करें।
- साथ ही भगवान गणेश के मित्रों का जाप करें।
- पूजा समाप्त करने से पहले आरती उतारें।
महत्व
विनायक चतुर्थी हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें भगवान गणेश की पूजा और आराधना की जाती है। गणेश जी को विघ्नहर्ता के रूप में पूजन किया जाता है, जिनकी कृपा से हमारे जीवन में आने वाली हर बाधा दूर होती है। उनकी पूजा करके और उनकी कृपा प्राप्त करके हम सांसारिक सुख और समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं। इसलिए विनायक चतुर्थी पर उनकी पूजा की जाती है ताकि हमारे जीवन में समृद्धि और खुशियां आए।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)