Vinayak Chaturthi 2024 : हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का बेहद महत्व है, जो हर साल शीर्ष मार्ग शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गणपति बप्पा की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे जातकों को सारी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है और उनके जीवन में कभी भी पैसों की कमी नहीं रहती।
पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 4 दिसंबर को दोपहर 1:10 पर शुरू होगी और इसका समापन 5 दिसंबर को दोपहर 12:49 पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, 5 दिसंबर को विनायक चतुर्दशी का व्रत रखा जाएगा।
विनायक चतुर्थी का महत्व
हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का काफी ज्यादा महत्व है। इस दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने पर जातकों के जीवन के सभी विघ्न दूर हो जाते हैं। इस दिन नए कार्यों की शुरुआत करना काफी ज्यादा शुभ माना जाता है। वैसे भी भगवान गणेश को बुद्धि और विवेक का दाता माना जाता है, इसलिए खासकर बच्चे यदि उनकी पूजा-अर्चना करें, तो उन्हें पढ़ाई और कैरियर में अपार सफलता मिलती है। बता दें कि भगवान गणेश को 12 नाम से पुकारा जाता है। जिनमें सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन शामिल है। इन सभी नाम से गणपति बप्पा जाने जाते हैं। उनके मंत्रों का जाप करने से भी भक्तों के जीवन की सारी समस्याएं खत्म हो जाती है।
करें ये उपाय
- विनायक चतुर्थी पर जो युवक-युवती विवाह योग्य हो गए हैं, उन्हें अपने कमरे में गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर लगाकर उनकी पूजा करनी चाहिए।
- विवाह में यदि अड़चन आ रही है, तो नियमित तौर पर गणेश चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे सारी बाधाएं दूर होगी और जीवन में खुशहाली आएगी।
- यदि विवाह के योग आपके जीवन में नहीं बन रहे हैं, तो आपको गणेश मंदिर में जाकर दर्शन करना चाहिए। इससे विवाह के योग जल्द ही बनने लगते हैं।
- यदि आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, तो आपको इस दिन शमी के पेड़ की पूजा करनी है। इसके अलावा, गणपति बप्पा को शमी का पत्ता अवश्य चढ़ाएं, इससे आर्थिक तंगी दूर होगी।
- ग्रह दोष दूर करने के लिए भी भगवान गणेश को ध्रुव चढ़ाना चाहिए। इसे चढ़ाने के बाद आप एक पोटली में बांधकर हमेशा अपने पास रखें। इससे कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होगी।
- यदि आप कार्य क्षेत्र में लगातार मेहनत कर रहे हैं। इसके बावजूद, आपको सफलता नहीं मिल रही है, तो आपको इस दिन खास कर स्तुति का 11 बार पाठ करना है। इसके साथ ही भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाना है।
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