Vishwakarma Jayanti 2023 : आज देशभर में विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है। विश्वकर्मा पूजा भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व विश्वकर्मा देवता को समर्पित है, जिन्हें विश्वकर्मा, शिल्पकार और वास्तुकारों के प्रमुख देवता माना जाता है। इस दिन विश्वकर्मा देवता की पूजा की जाती है। शिल्पकार, वास्तुकार, इंजीनियरिंग और उद्योग से जुड़े लोग अपने कार्यों की शुरुआत नई उपकरणों और मशीनरी के साथ करते हैं। इस दिन कार्यशालाओं, उद्योगों और वास्तु परियोजनाओं की शुरुआत की जाती है। ऐसी मान्यता है कि विश्वकर्मा देवता की कृपा से हर कार्य में सफलता मिलती है।
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी। जिसका शुभ मुहूर्त 17 सितंबर की सुबह 10 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इस समय पूजा-अर्चना करने से शुभ फल प्राप्त होंगे।
पूजा विधि
- सबसे पहले, एक शुद्ध और साफ जगह तैयार करें जहां आप पूजा करेंगे।
- पूजा के लिए आपको विश्वकर्मा देवता की मूर्ति, छावनी, कलम, टूल्स, और आरती की सामग्री की आवश्यकता होती है।
- पूजा के लिए स्नान करें और शुद्ध और साफ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल को सजाने के लिए फूल, धूप, दीपक, और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को सजाकर रखें।
- विश्वकर्मा पूजा के दौरान विशेष मंत्रों का पाठ करें, जैसे कि “ओम नमो भगवते विश्वकर्माय नमः”।
- पूजा के बाद विश्वकर्मा देवता की आरती करें और दीपक को देवता के सामने प्रज्ज्वलित करें।
- पूजा के पश्चात् प्रसाद तैयार करें और उसे विश्वकर्मा देवता को अर्पण करें।
- इस दिन कामकाज में शुरुआत करने का अच्छा मुहूर्त माना जाता है। इसलिए, अपने उद्योग या कार्यक्षेत्र की शुरुआत करने का संकल्प लें और विश्वकर्मा देवता के आशीर्वाद के साथ काम करें।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)