Vishwakarma Puja 2024 : भारत एक ऐसा देश है, जहां हर महीने कोई-ना-कोई त्योहार मनाया जाता है। चाहे वह पूरे देश भर में मनाया जाए या फिर कोई रीजनल त्योहार हो, जिसे लोग बहुत ही उत्साह के साथ मनाते हैं। इनमें होली, दिवाली, नवरात्र और छठ पूजा मुख्य त्योहार है। जिसके लिए लोग बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। वहीं, हर साल सितंबर के महीने में विश्वकर्मा पूजा भी मनाया जाता है। यह दिन ब्रह्मांड के दिव्या वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है। इस खास मौके पर लोग लोहे के औजार की पूजा करते हैं, जिससे उनके कारोबार में उन्नति हो सके। इसकी कामना भी करते हैं, पिछले कुछ सालों से ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है कि लोगों के मन में विश्वकर्मा पूजा की तिथि को लेकर संशय बना रहता है। इस बार भी लोगों के मन में यह कंफ्यूजन बनी हुई है कि विश्वकर्मा पूजा 16 या 17 सितंबर को मनाई जाएगी।
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर यानी मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। दरअसल, इस दिन के लिए कन्या संक्रांति बेहद जरूरी है जो कि 16 सितंबर को है। इस दिन सूर्य देव शाम 07 बजकर 53 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे जो कि उदया तिथि होगी। इसलिए विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को पूरे देश भर में मनाया जाएगा। इसका शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 07 मिनट से शुरू होकर 11 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
इतने देर रहेगा भद्रा काल का साया
ज्योतिषों की माने तो इस दिन भद्रा काल का साया भी रहने वाला है। दरअसल, 11 बजकर 44 मिनट पर भद्रा लगेगी और यह रात के 09 बजकर 55 मिनट तक रहने वाली है जो कि बेहद शुभ मानी जाती है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करते हैं। इसलिए विश्वकर्मा भगवान की पूजा आप भद्रा काल के पहले ही कर ले, ताकि आपको इसका कोई नकारात्मक परिणाम न भुगतना पड़े।
ऐसे करें भगवान विश्वकर्मा को खुश
इस दिन लोग अपने साइकिल, गाड़ी, लोहे के औजार, मशीन, कलपुर्जे, दुकान आदि की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि उनके आशीर्वाद से बिजनेस में उन्नति होती है और सालों भर लोगों का काम, धंधा अच्छे से सफलतापूर्वक चलता रहता है। इस दिन भगवान को खुश करने के लिए आप कुछ नियमों का भी पालन कर सकते हैं, जिससे वह आपके तरक्की के रास्ते में आने वाले सारी रूकावटों को दूर कर सकते हैं और सालों भर अपनी कृपा दृष्टि आप पर बनाए रखेंगे। विश्वकर्मा पूजा के दिन आप अपनी गाड़ी, फैक्ट्री, औजार को पानी से धो सकते हैं। यह फिर उसकी साफ-सफाई कर सकते हैं। उसके बाद विधि-विधान पूर्वक उनकी पूजा-अर्चना करें। बड़े-बड़े फैक्ट्री में भगवान की विशालकाय मूर्ति भी स्थापित की जाती है। पूजा के दौरान आप भगवान को धूप, दीप, अगरबत्ती, फल और मिठाई चढ़ा सकते हैं।
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