Vrat for Children 2023 : भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन माता अपनी संतान के लिए संतान सप्तमी का व्रत रखती है। कहा जाता है कि इस दिन माता अपने बच्चों की खुशहाली और लंबी उम्र के लिए ये व्रत रखती है। इससे संतान का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है और उसे कोई समस्या भी नहीं आती है। हिन्दू धर्म में इस व्रत का काफी ज्यादा महत्त्व माना गया है। ये व्रत अब साल 2023 में रखा जाएगा। ऐसे में आज हम आपको ये बताने जा रहे है कि ये व्रत कब और कितनी बार रखना पड़ता है साथ ही इस व्रत का क्या विधि विधान है और पूजा महत्व भी बताने जा रहे है तो चलिए जानते है –
अगर आप भी अपनी संतान की लम्बी उम्र के लिए और उसके अच्छे स्वास्थ्य के लिए ये व्रत रखना चाहती है तो जानें साल 2023 में आने वाले इन तीन व्रतों के बारे में –
पौष पुत्रदा एकादशी
हर साल 5 माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को उतरा एकादशी के दिन माता अपनी संतान के अच्छे भविष्य के लिए उसकी लंबी उम्र के लिए और उसके अच्छे स्वास्थ्य के लिए यह व्रत रखती है। इस व्रत में भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। 2023 में यह व्रत 27 अगस्त रविवार के दिन आने वाला है।
सावन पुत्रदा एकादशी
सावन पुत्रदा एकादशी के दिन भी बच्चों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए माता व्रत रखती है। इस दिन भी भगवान विष्णु और भगवान शंकर की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से संतान का स्वास्थ्य अच्छा होता है। साथ ही उसके जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहती है।
संतान सप्तमी व्रत
भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन माता अपनी संतान के लिए यह व्रत रखती है। इस व्रत को विधि विधान के साथ पूजन कर खोला जाता है। इस व्रत को संतान सप्तमी व्रत भी कहा जाता है।
डिसक्लेमर –
इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।