Thu, Dec 25, 2025

जब सिर पर हो संकट, आचार्य चाणक्य की ये बातें बनेंगी आपकी ढाल

Written by:Sanjucta Pandit
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आज के आर्टिकल में हम आपको एक नागरिक के तौर पर कर्तव्य के बारे में बताएंगे। जिसका जिक्र उन्होंने चाणक्य नीति में किया है। साथ ही यह भी बताएंगे कि देश पर यदि किसी प्रकार का कोई संकट आ जाए, तो उस स्थिति में आपको क्या करना चाहिए।
जब सिर पर हो संकट, आचार्य चाणक्य की ये बातें बनेंगी आपकी ढाल

आचार्य चाणक्य देश ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध ज्ञानी माने जाते हैं। उनकी नीतियां आज भी लोगों के लिए बेहद काम की है। लोग उनके बताए गए रास्ते पर चलकर सफलता प्राप्त करते हैं। जिनका इतिहास बहुत ही ज्यादा पुराना रहा है। अपने जमाने में सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के प्रमुख सलाहकार थे। उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर छात्र, पति-पत्नी के रिश्ते, समाज, परिवार, स्कूल, शिक्षक आदि के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की है। उनके द्वारा बताए गए गुणों को अपनाकर सभी मुश्किलों का हल निकाला जा सकता है।

हर किसी के जीवन में अच्छी और बुरी कई तरह की परिस्थितियों आती है, लेकिन अचानक आई कुछ स्थितियों इंसान को अंदर से झकझोर कर रख देती है। जिसका अंदाजा किसी ने नहीं लगाया होता है।

चाणक्य नीति (Chanakya Niti)

हाल ही में देश में हुए आतंकी हमले के बाद लोगों में गुस्से का माहौल है। आचार्य चाणक्य ने जीवन जीने के कई तरीके बताए हैं, जिनमें से एक हिंसा तनाव या हमले जैसे माहौल का भी जिक्र किया गया है। आज के आर्टिकल में हम आपको एक नागरिक के तौर पर कर्तव्य के बारे में बताएंगे। जिसका जिक्र उन्होंने चाणक्य नीति में किया है। साथ ही यह भी बताएंगे कि देश पर यदि किसी प्रकार का कोई संकट आ जाए, तो उस स्थिति में आपको क्या करना चाहिए।

करें ये काम

  • चाणक्य नीति के अनुसार, दोस्तों की तुलना कांटों से की गई है। जिसका समाधान उन्हें बिल्कुल खत्म करने से जुड़ा हुआ है। इसे किसी भी प्रकार का संबंध रखना आपके लिए अहितकारी हो सकता है, इसलिए देश में यदि संकट की स्थिति आ जाए या फिर हिंसा और तनाव का माहौल हो, तो बहुत ही सोच समझकर कोई भी निर्णय लेना चाहिए।
  • चाणक्य नीति के अनुसार, उपकार करने वालों के साथ उपकार करना चाहिए और हिंसक करने वालों के साथ उन्हीं के अनुसार व्यवहार करना चाहिए। इसमें कोई दोष नहीं है, जो जैसा करता है आपको उसके साथ वैसा ही व्यवहार करके उसे सबक सिखाना चाहिए। अन्यथा, वह आपको कमजोर समझ के आगे और भी इस तरह के मामले को अंजाम दे सकता है।
  • चाणक्य नीति के अनुसार, व्यक्ति को कभी भी बहुत ज्यादा सीधा और सरल नहीं होना चाहिए, क्योंकि जंगल में सीधे खड़े वृक्ष काट दिए जाते हैं। वहीं, टेढ़े-मेढ़े वृक्षों को छोड़ दिया जाता है। जिसका तात्पर्य यह है कि सीधे व्यक्ति का हर कोई बहुत ही आसानी से फायदा उठा लेता है, लेकिन जो व्यक्ति चतुर और चालाक होता है। उसका कोई भी फायदा नहीं उठा पाता।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)