दूरदर्शन का नाम आते ही 80 और 90 के दशक की कई यादें ताज़ा हो जाती हैं। उस दौर में जब घर-घर में केवल एक ही चैनल देखा जाता था, उसी समय बी. आर. चोपड़ा का धारावाहिक ‘महाभारत’ टीवी पर आया और देखते ही देखते इतिहास रच गया। रविवार की सुबह सड़कों पर सन्नाटा छा जाता था क्योंकि पूरा देश टीवी के सामने बैठकर इस पौराणिक कथा को देखा करता था। दूरदर्शन के महाभारत ने दर्शकों को जिस तरह बांधे रखा, वह आज की डिजिटल दुनिया में काफी मुश्किल है। उस शो की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज भी जब इसे किसी चैनल पर दोबारा दिखाया जाता है, तो दर्शकों की आंखें स्क्रीन से हटती नहीं हैं।
इस शो ने न केवल दर्शकों का मनोरंजन किया बल्कि हिंदू धर्म की महागाथा को लोगों के दिलों में फिर से जगा दिया है। रामानंद सागर के रामायण के बाद महाभारत वह दूसरा शो था, जिसने टीवी को मंदिर का रूप दिया था।
शकुनि
महाभारत के हर किरदार की अपनी अहमियत रही, लेकिन मामा शकुनि का रोल सबसे अलग और चुनौतीपूर्ण माना जाता है। शकुनि को चालाकी, राजनीति और षड्यंत्र का दूसरा नाम कहा जाता है। वह कौरवों के पीछे की असली ताकत था, जिसने पांडवों और कौरवों के बीच द्वेष की आग को भड़काने का काम किया। जिसे गूफी पेंटल ने निभाया था, जिसने उन्हें अमर कर दिया। जिस अंदाज़ में उन्होंने शकुनि के डायलॉग बोले, आंखों के हावभाव और चेहरे की मुस्कान के साथ राजनीति रची, वह आज भी दर्शकों को याद है। अभिनय की दुनिया में उनकी पहचान भले ही कई फिल्मों और शो से बनी हो, लेकिन महाभारत ने उन्हें इतिहास के पन्नों में स्थायी जगह दिला दी।
गूफी पेंटल का नाम सुनते ही सबसे पहले शकुनि का चेहरा आंखों के सामने उभर आता है। लेकिन यह उनकी प्रतिभा का ही कमाल था कि महाभारत से पहले भी वह फिल्मों और धारावाहिकों में अपनी एक अलग पहचान बना चुके थे। ‘रफ्फू चक्कर’, ‘दिल्लगी’, ‘सुहाग’, ‘आवाम’, ‘मैदान-ए-जंग’ और ‘श्याम घनश्याम’ जैसी फिल्मों में उन्होंने अपनी अदाकारी से सभी का दिल जीत चुके हैं। गूफी ने कॉमेडी से लेकर सीरियस हर तरह की भूमिकाएं निभाईं।
कैमरे के पीछे थी बड़ी जिम्मेदारी
कम ही लोग जानते हैं कि गूफी पेंटल सिर्फ एक्टर ही नहीं, बल्कि कास्टिंग डायरेक्टर की भूमिका में भी थे। बी. आर. चोपड़ा संग मिलकर उन्होंने महाभारत की कास्टिंग में अहम योगदान दिया। शो के लिए किरदारों का चयन करना आसान नहीं था, क्योंकि हर रोल ऐतिहासिक महत्व रखता था। गूफी ने इस चुनौती को बखूबी निभाया, जिसका नतीजा महाभारत के वह शानदार कास्ट रहे, जिसे आज तक कल्ट माना जाता है।
2023 में खोया बेहतरीन कलाकार
साल 2023 में गूफी पेंटल का निधन हो गया। उनके जाने से न केवल सिनेमा जगत बल्कि उनके चाहने वालों को भी गहरा सदमा पहुंचा था। उन्होंने अपने अभिनय से जो छाप छोड़ी थी, वह हमेशा कायम रहेगी। शकुनि के रूप में वह हर घर में पहचाने जाते थे और यही वजह है कि आज भी लोग जब महाभारत देखते हैं तो सबसे ज्यादा चर्चा शकुनि की होती है।





