शादी का कार्ड छपवाते वक्त जरूर रखें वास्तु शास्त्र के इन नियमों का ध्यान, दांपत्य जीवन में आएगी खुशहाली

Bhawna Choubey
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Wedding Card Vastu Tips: हिंदू धर्म में विवाह का विशेष महत्व। विवाह संस्कार को हिंदू धर्म में सभी संस्कारों में विशेष माना जाता है। क्योंकि विवाह के बाद व्यक्ति के नए जीवन की शुरुआत होती है। विवाह में होने वाली हर रस्मों को अच्छे से निभाया जाता है। विवाह की तैयारी के दौरान हर छोटी-छोटी चीजों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। विवाह की तैयारी की शुरुआत कार्ड यानी आमंत्रण पत्र से की जाती है। आमंत्रण पत्र को तैयार करने के दौरान कई वास्तु नियम का पालन करना बहुत जरूरी होता है। इन वास्तु नियमों का पालन करने से वर-वधू का जीवन सुखमय बनता है। आमंत्रण पत्र में रंग,अक्षर, आकार आदि चीजों का खास महत्व होता है। इसी के चलते आज हम आपको इस लेख के द्वारा आमंत्रण पत्र से जुड़े कुछ वास्तु नियम बताने जा रहे हैं, तो चलिए जानते हैं।

शादी का कार्ड छपवाते वक्त किन-किन बातों का रखें ध्यान

कैसा होना चाहिए आकार

कभी भी शादी का कार्ड या पत्रिका त्रिकोण या पत्तों के आकार की नहीं होनी चाहिए, क्योंकि त्रिकोण आकार वाला कार्ड नकारात्मक ऊर्जा को अपनी ओर खींचता है और पत्ते के आकार वाला वेडिंग कार्ड को शुभ नहीं माना जाता है। शादी के कार्ड का आकार हमेशा चौकोर होना चाहिए। शादी के कार्ड के चौकोर कोनों को सुख, समृद्धि, शांति और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

कैसी होनी चाहिए आकृति

वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर आकृति की बात की जाए तो पत्रिका में फूलों की आकृति बहुत शुभ मानी जाती है लेकिन फूल भी कई प्रकार के होते हैं इसलिए सबसे ज्यादा शुभ कमल के फूलों की आकृति को माना जाता है। इसलिए शादी के कार्ड में कहीं भी कमल का फूल जरूर बनवाना चाहिए।

कैसे रंग के अक्षर चुनें

अक्सर लोग ट्रेंड के चलते और शादी के कार्ड को और भी ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए तरह-तरह के रंगों और अक्षरों का चयन करते हैं। लेकिन अगर वास्तु शास्त्र के अनुसार देखा जाए तो शादी के कार्ड में हमेशा हल्के रंगों से वर वधू और परिजनों का नाम लिखवाना चाहिए गहरा रंग जीवन पर अंधकार डालता है। हल्के रंगों से नाम लिखवाने से सकारात्मक भाव का एहसास होता है।

तस्वीर नहीं लगवानी चाहिए

कई बार शादी के कार्ड में दूल्हा-दुल्हन की फोटो छपवाई जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार इसे अशुभ माना जाता है। कभी भी भूलकर भी शादी के कार्ड में दूल्हा-दुल्हन की फोटो नहीं लगानी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि अगर दूल्हा-दुल्हन की फोटो शादी के कार्ड में लगाई जाती है तो नजर दोष का खतरा बढ़ जाता है।

किस रंग का होना चाहिए शादी का कार्ड

वास्तु शास्त्र के अनुसार शादी का कार्ड काले और भूरे रंग का नहीं होना चाहिए। लाल और पीले रंग का शादी का कार्ड बहुत शुभ माना जाता है। लाल रंग का प्यार का प्रतीक माना जाता है।


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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