हिंदू धर्म शास्त्र में हर एक चीज का विस्तार पूर्वक वर्णन पाया जाता है। जिसका पालन सदियों से चला आ रहा है। बड़े बुजुर्ग अक्सर इन बातों का पालन करने की सलाह देते हैं, जिससे जीवन खुशहाली से बीतता है। शास्त्रों में नदी में स्नान करने के लिए भी कुछ नियम बनाए गए हैं। जिनका पालन करना जरूरी माना जाता है।
हिंदू धर्म के अनुसार, नदी में स्नान करने को पवित्र मोक्षदाई माना गया है। शास्त्रों में महिलाओं का नदी में बाल बांधकर स्नान करना भी प्रमुख बताया गया है।

पौराणिक कथा
मान्यताओं के अनुसार, नदी में स्नान करते वक्त महिलाओं के बाल खुला नहीं होने चाहिए। यदि महिलाएं नदी में स्नान करते समय इन नियमों का पालन करें, तो यह उनके लिए शुभ होता है। हिंदू धर्म में बालों को शक्ति और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि खुले बालों से नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है, जिससे मन अशांत हो सकता है। इसलिए खुले बाल से पवित्र नदियों में स्नान न करें, बल्कि नदी में स्नान करते समय हमेशा बालों को बांधकर रखें।
वैज्ञानिक कारण
यदि वैज्ञानिक कारणों की बात करें, तो खुले बालों से नदी में स्नान करने पर बाल गीले रह जाते हैं। हवा के संपर्क में आने से सर्दी जुकाम जैसी समस्याएं हो सकती है, क्योंकि नदी का पानी हमेशा स्वच्छ नहीं होता। जिससे कई प्रकार के बैक्टीरिया बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए बालों को नदी में खोलकर नहीं नहाना चाहिए।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)