Hartalika Teej: हिंदू धर्म में तीज त्योहारों का काफी ज्यादा महत्व माना गया है। हरतालिका तीज भी एक ऐसा ही महत्वपूर्ण और सौभाग्यशाली व्रत है जो महिलाएं रखती हैं। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत सदियों से चला रहा है। सुहागन महिलाएं ये व्रत अपने पति की लंबी आयु के लिए करती हैं। इसके अलावा कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की कामना के लिए ये व्रत रखती है।
हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव और माता गौरी की पूजन अर्चन की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक माता पार्वती ने भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए यही व्रत किया था। इस दिन अगर गौरी शंकर की विधि विधान से पूजा की जाती है तो सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। चलिए हम आपको बताते हैं की किस विधि से शुभ मुहूर्त में पूजन करना चाहिए।
हरतालिका तीज का मुहूर्त
हरतालिका तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर के सुबह 6:02 से शुरू होगा और 8:33 तक रहेगा। इस दौरान विधि विधान से पूजा की जा सकती है।
पूजन की सामग्री
हरतालिका तीज पर गौरी शंकर भगवान की पूजन के लिए माता पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा, कलश, रोली, अक्षत, घर का दीपक, फूल, धूप, मिठाई, फल, सिंदूर, चंदन, नैवेद्य, पंचामृत, माता पार्वती का श्रृंगार, माता पार्वती और भोलेनाथ के वस्त्र, शंख, चौकी और पान का पत्ता लगेगा।
ऐसे करें पूजन
- सुबह जल्दी स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ कपड़े पहनें।
- एक चौकी पर शिवलिंग और माता पार्वती की स्थापना करें।
- इसके बाद शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और चीनी से पंचामृत अभिषेक करें।
- माता पार्वती को सिंदूर मेहंदी और बिंदी अर्पित करें।
- इसके बाद भगवान को फूल, धूप और दीप लगाएं और नैवेद्य अर्पित करें।
- हरतालिका तीज व्रत की कथा जरूर सुने और भोलेनाथ के साथ माता पार्वती की आरती करें।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।