MP Breaking News

Welcome

Sat, Dec 6, 2025

सतना-रीवा में ईद का जश्न, हजारों ने अदा की नमाज, अमन और भाईचारे की मांगी दुआ

Written by:Sanjucta Pandit
मध्य प्रदेश के सतना और रीवा जिले में भी ईद-उल-फितर शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया। नमाज अदा करने के बाद सभी ने देश में शांति और भाईचारे की दुआ मांगी।
सतना-रीवा में ईद का जश्न, हजारों ने अदा की नमाज, अमन और भाईचारे की मांगी दुआ

देश भर में आज ईद (Eid 2025) का जश्न देखने को मिल रहा है। अपने इलाके के आसपास मौजूद मस्जिद में भारी संख्या में एकत्रित होकर लोगों ने नमाज अदा की। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के सतना और रीवा जिले में भी ईद-उल-फितर शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया। नमाज अदा करने के बाद सभी ने देश में शांति और भाईचारे की दुआ मांगी। इसके अलावा, मुस्लिम समुदाय के लोग आज के दिन अपने करीबियों के घर जाकर एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं। साथ ही विभिन्न तरह के पकवान खाकर त्यौहार कर लुफ्त उठा रहे हैं।

सतना के नजीराबाद में स्थित मस्जिद में 2000 से अधिक लोगों ने एक साथ नमाज अदा की। वहीं, रीवा में भी हजारों लोगों ने साथ में नमाज अदा कर ईद का जश्न मनाया।

रीवा में 17 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित

रीवा शहर की बात करें, तो यहां 17 स्थान पर ईद-उल-फितर का कार्यक्रम आयोजित किया गया। शहर काजी मुफ्ती मुबारक अजहरी ने बताया कि कार्यक्रम के मुताबिक, बीहर नदी के तट पर ईदगाह और बिछिया नदी के तट पर स्थित बादशाह ईदगाह में शांतिपूर्ण तरीके से सुबह 8:00 बजे नमाज अदा की गई। इसके अलावा, जामा मस्जिद, दाराशाह मस्जिद और जामिया मस्जिद खुटेही में सुबह 8:30 बजे से 9:30 बजे के बीच नमाज अदा की गई।

सतना कलेक्टर ने किया निरीक्षण

सतना में कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस और एसपी आशुतोष गुप्ता ने मस्जिद के आसपास निरीक्षण किया, ताकि किसी प्रकार की कोई हिंसक घटना ना हो सके और शांतिपूर्ण तरीके से ईद का त्यौहार मनाया जा सके। इस दौरान मौके पर एडिशनल एसपी शिवेश सिंह बघेल, एसडीएम राहुल सिलाड़िया और सीएसपी महेंद्र सिंह पूरे दल-बल के साथ मौजूद रहे।

एक-दूसरे को दे रहे बधाईयां

बता दें कि ईद से पहले मुस्लिम समाज के लोग 30 दिन तक रोजे रखते हैं। यह इस समुदाय का बहुत ही बड़ा त्यौहार होता है। जब लोग चांद के दिखाने के बाद ईद मनाते हैं। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई नए कपड़े पहनते हैं। सभी के घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। लोग एक-दूसरे के घर जाकर गले लगाते हैं।