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Fri, Dec 5, 2025

पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने नकली खाद-बीज और दवाइयों पर सख्त कानून बनाने की मांग, पढ़ें पूरी खबर

Written by:Sanjucta Pandit
सागर जिले के खुरई विधायक व पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने नकली खाद, बीज और कीटनाशकों पर सख्त कानून बनाने की मांग करते हुए केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा। उन्होंने दोषियों को कम-से-कम 10 साल की सजा दिलाने की बात कही है।
पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने नकली खाद-बीज और दवाइयों पर सख्त कानून बनाने की मांग, पढ़ें पूरी खबर

Gujarat Kisan News

मध्य प्रदेश के सागर जिले से बड़ी खबर सामने आई है, जब पूर्व गृहमंत्री और खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह ने किसानों की सुरक्षा और हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार से नकली खाद, बीज और कीटनाशक दवाइयों पर सख्त कानून बनाने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। साथ ही आग्रह किया है कि इस दौरान दोषी पाए जाने वाले उत्पादकों और विक्रेताओं को कम-से-कम 10 साल की सजा दी जाए।

भूपेन्द्र सिंह ने पत्र में कहा है कि मध्य प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में घटिया बीज और नकली कीटनाशकों की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं। बता दें कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पहले भी ऐसे कदम उठाए जा चुके हैं।

भारत कृषि प्रधान देश

जैसा कि हम सभी जानते हैं किसान का परिवार पूरी तरह खेती पर आश्रित होता है। केवल इतना ही नहीं, भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां किसान आम लोगों को जीवन दान देने जैसा पुण्य करते हैं। ऐसे में खराब बीज और दवाइयां उनके लिए भारी संकट खड़ा कर देती हैं। इससे किसान कर्ज के बोझ में दब जाते हैं। जिस कारण वह जमीन बेचने पर मजबूर हो जाते हैं या कई बार आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लेते हैं।

सख्त कार्रवाई की मांग

आगे उन्होंने पत्र में लिखा है कि हाल ही में अस्थाई पंजीकरण पूरी से खत्म कर दिए गए। अब केवल 146 जैव-उत्तेजक उत्पादों को ही मान्यता दी गई है, जबकि पहले लगभग 30 हजार उत्पाद बिना जांच बाजार में बिक रहे थे। इस सख्त कार्रवाई के लिए भूपेन्द्र सिंह ने केंद्रीय मंत्री का आभार भी जताया। पूर्व गृहमंत्री ने कहा कि किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने वाली कंपनियों से रकम वसूल कर वह राशि पीड़ित किसानों को दी जानी चाहिए।

आजीविका होती है प्रभावित

साथ ही केवल लाइसेंस रद्द करना ही पर्याप्त दंड नहीं है, क्योंकि कई लोग नई कंपनी खोलकर दोबारा कारोबार शुरू कर देते हैं। इसलिए संसद के माध्यम से ऐसा सख्त कानून बनना चाहिए, जिससे दोषियों को कठोर सजा और किसानों को न्याय मिल सके। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषि कल्याण के लिए हुए निर्णयों का भी जिक्र किया और कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं। ऐसे कृषि उत्पाद किसानों की मेहनत और निवेश को बर्बाद करते हैं और उनकी आजीविका को भी बुरी तरह प्रभावित कर देते हैं।

विनोद जैन, सागर