मध्यप्रदेश के सागर जिले में मजदूर की बेटी ने कमाल कर दिया, तमाम अभावों के बावजूद इस बेटी ने अपनी मेहनत के बल पर जिले का नाम रोशन कर दिया। सागर की रहने वाली रुचि पाल ने राष्ट्रीय शालेय खेल प्रतियोगिता में मलखंभ में गोल्ड मेडल जीता। रूचि बेहद गरीब परिवार से है लेकिन अपनी दृढ़ शक्ति और मेहनत से उसने गोल्ड मेडल जीतकर सबको हैरान कर दिया।
राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराया
रूचि सागर जिले के शाहगढ़ तहसील की रहने वाली है, वह बचपन से ही पढ़ाई के साथ ही खेलों में भी काफी होनहार है। अब रुचि पाल ने राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराया है। प्राचीन और विलुप्तप्राय खेल मलखंभ में रुचि ने राष्ट्रीय शालेय खेल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर बुंदेलखंड और मध्यप्रदेश का नाम गौरवान्वित किया है।
उज्जैन में 24 से 28 नवंबर तक 69वीं राष्ट्रीय शालेय खेल प्रतियोगिता
मध्यप्रदेश के उज्जैन में 24 से 28 नवंबर तक 69वीं राष्ट्रीय शालेय खेल प्रतियोगिता आयोजित की गईा, स्पर्धा में देश के अलग अलग हिस्सों से खिलाड़ी पहुंचे। इसी स्पर्धा में सागर जिले के शाहगढ़ की कक्षा 9वीं में अध्ययनरत छात्रा रुचि पाल ने मध्यप्रदेश की ओर से प्रतिनिधित्व किया। शानदार प्रदर्शन करते हुए रुचि ने टीम चैम्पियनशिप अपने नाम की और नेशनल गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। रुचि पिछले 5 वर्षों से शाहगढ़ की दुर्गाशक्ति व्यायामशाला में प्रशिक्षण ले रही हैं। उन्हें जिला मलखंभ कोच श्यामलाल और व्यायामशाला अध्यक्ष मोहित भल्ला का मार्गदर्शन मिला।
छाई खुशी की लहर
रूचि के गोल्ड मेडल जीतने की खबर सुनते ही न सिर्फ उसके घर बल्कि स्कूल औउसकी र क्षेत्र में भी खुशी की लहर दौड़ गई। इस उपलब्धि के बाद शाहगढ़ के अभिनव विद्या मंदिर स्थित दुर्गाशक्ति व्यायामशाला में सम्मान समारोह आयोजित किया गया। अतिथियों ने रुचि और उनके पिता का शाल श्रीफल से सम्मान कर हौसला बढ़ाया।
मजदूर पिता की बेटी रूचि
रुचि के पिता मुन्ना पाल मजदूर हैं और आठ बच्चों के पिता हैं, जिनमें 7 बेटियां हैं। संसाधनों की कमी के बावजूद उन्होंने बेटी के सपने को टूटने नहीं दिया। रुचि इस परिवार में छठे नंबर की संतान हैं। रुचि के पिता मुन्ना पाल बेटी की इस उपलब्धि से फूले नहीं समा रहें। उन्होंने कहा कि “मेरे पास साधन नहीं थे, लेकिन व्यायामशाला ने मेरी बेटी को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया और आज उसने मेरा सिर गर्व से ऊँचा कर दिया”। वहीं रुचि के कोच मोहित भल्ला का कहना है कि रुचि की लगन और जुनून देखकर उसे आगे बढ़ाया। उसकी मेहनत ने उसे यह मुकाम दिलाया है।





