सागर जिले के बीना क्षेत्र में आने वाली ग्राम पंचायत देवल के सरपंच लाखन सिंह की मौत को लेकर लोग अनेकों कयास लगा रहे थे किंतु देवल गांव के सरपंच लाखन सिंह यादव की मौत सड़क हादसा नहीं थी। उनकी हत्या गांव के ही दो लोगों ने टाटा सफारी से कुचलकर कर दी थी पुलिस ने घटनास्थल से मिले साक्ष्य, प्रत्यक्षदर्शी और मृतक सरपंच के भाई के बयान के आधार पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। हत्या में इस्तेमाल की टाटा सफारी भी जब्त कर ली गई।
मृतक सरपंच लाखन सिंह

पहले बताई दुर्घटना फिर सामने आया सच
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी सोवरन यादव और उसका भाई सुरेंद्र यादव गांव की 15 एकड़ गोचर भूमि पर कब्जा किए हुए हैं। इस जमीन पर गौ अभ्यारण्य बनना था। इसके लिए सरपंच लाखन सिंह ने अतिक्रमण हटाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था। इसी रंजिश में दोनों भाइयों ने सरपंच की हत्या की साजिश रच डाली , मृतक के भाई प्रमोद यादव ने बताया कि पांच दिन पहले दोनों आरोपी उनके घर आए थे और धमकी दी थी कि गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने का प्रस्ताव वापस ले लो वरना तुम्हारी हत्या कर देंगे और गांव में दहशत फैलाकर उपचुनाव में हम निर्विरोध सरपंच भी बन जायेंगे।
आरोपी

इस तरह दिया घटना को अंजाम
सरपंच लाखन सिंह ने धमकी को गंभीरता से नहीं लिया। और जब लाखन सिंह अपने गांव से बीना में अपने भाई प्रमोद से मिलने आए तो आरोपियों ने साजिश रच डाली और जब शाम चार बजे सरपंच मोटरसाइकिल से वापिस आने गांव के लिए निकल गये कुछ देर बाद सरपंच के भाई प्रमोद भी गांव के लिए रवाना हुए तो बेलई गांव के पास आरोपी सोवरन यादव अपनी टाटा सफारी एमपी 40 सीए 1568 से उन्हें क्रॉस करता हुआ निकला। शक होने पर प्रमोद ने उसका पीछा किया, लेकिन वह तेज रफ्तार से निकल गया। गुरयाना तिराहे के पास सोवरन ने लाखन सिंह की बाइक को टक्कर मारी। टक्कर से लाखन सिंह सड़क पर गिर गए और आरोपी बाइक को लगभग आधा किलोमीटर दूर तक घसीटते हुए ले गये इसके बाद आरोपियों ने कार को रिवर्स कर तीन बार घायल लाखन सिंह को कुचला। दोनों आरोपी कार से उतरे। और जब देखा कि लाखन सिंह की मौत हो चुकी है। तो यह सोचकर घटना स्थल से भाग गये कि लोग इसे सड़क दुर्घटना समझेंगे। तभी प्रमोद भी पीछे से घटनास्थल पर पहुंच गया, जिसने घटना की जानकारी अपने परिवार के अन्य लोगों को दी। घटना के बाद पुलिस ने घटना मे उपयोग की गई कार जब्त कर दोनों आरोपियों सुरेन्द्र व सोवरन को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी

आरोपी नहीं चाहते थे विकास
घटना के दूसरे दिन मृतक लाखन सिंह के शव का सिविल अस्पताल में पुलिस की मौजूदगी पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया लेकिन घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल है। अगर सूत्रों की माने तो देवल गांव की गौशाला को मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी हाईटेक गौशाला बनाए जाने की शासन की मंशा थी जिसको लेकर गौशाला की जमीन पर अवैध कब्जा को हटाने लेकर यह पूरा विवाद शुरू हुआ। जिसमें सरपंच पर काफी राजनीतिक दबाव भी काफी डाले गए और उसी का परिणाम हत्या के रुप में सामने आया। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है जिसमें कुछ और खुलासा होने की भी आशंका जताई गई है





