सतना (Satna) जिले की शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। सरकारी स्कूलों में लापरवाही और मनमानी की खबरें आम होती जा रही हैं, लेकिन इस बार जो दो मामले सामने आए, उन्होंने पूरे प्रशासन को हिला दिया। एक ओर महिला शिक्षक की जगह उसका पति बच्चों को पढ़ाते हुए पकड़ा गया, तो दूसरी तरफ एक प्रभारी प्रधानाध्यापक शराब के नशे में सड़क किनारे बेसुध मिले।
ज़िले की डीईओ कंचन श्रीवास्तव ने दोनों मामलों को गंभीरता से लेते हुए तुरंत निलंबन आदेश जारी किए। जांच रिपोर्टों के आधार पर डीईओ की इस कार्रवाई को शिक्षा गुणवत्ता की रक्षा के लिए एक कठोर, लेकिन आवश्यक कदम माना जा रहा है। यह घटनाएं न सिर्फ शिक्षकों की जवाबदेही पर सवाल उठाती हैं बल्कि सरकारी शिक्षा प्रणाली में अनुशासनहीनता की गहराई भी दिखाती हैं।
महिला शिक्षक की जगह पति पढ़ाता था
सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हिनौती, विकासखंड रामनगर, जिला मैहर में पदस्थ सहायक शिक्षक सरिता त्रिपाठी पर गंभीर आरोप लगा था कि वह अपनी कक्षाएं कभी नहीं लेतीं। इसके बजाय उनके पति रोहणी प्रसाद त्रिपाठी बच्चों को पढ़ाते थे। शिकायत मिलने के बाद हिनौती संकुल प्राचार्य द्वारा की गई जांच में यह बात सच पाई गई। 30 अक्टूबर को सरिता त्रिपाठी से स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जांच रिपोर्ट में साफ लिखा गया कि सरिता स्कूल आती भी थीं, तो छात्रों को किताबों और कुंजी से पढ़ने को कहतीं और अध्यापन का कार्य पति ही करते थे। इस पूरी कार्रवाई को डीईओ ने गैर-कानूनी, मनमानी और अनुशासनहीन व्यवहार माना। 9 दिसंबर 2025 को आदेश क्रमांक 2033 जारी कर उन्हें निलंबित कर दिया गया तथा विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय मैहर से अटैच कर दिया गया।
नशे में सड़क पर बेसुध मिले प्रधानाध्यापक
दूसरा मामला शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कुरेही से सामने आया। यहां पदस्थ प्रभारी प्रधानाध्यापक जयलाल दिनकर का एक वीडियो 24 नवंबर को सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। वीडियो में जयलाल दिनकर सड़क किनारे बेसुध अवस्था में पड़े हुए दिखाई दे रहे थे, जिससे ग्रामीणों में भी नाराजगी फैल गई। जांच में सामने आया कि 24 और 25 नवंबर को दिनकर बिना सूचना के अनुपस्थित रहे। नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा गया।
अपने जवाब में दिनकर ने कहा कि 23 नवंबर को रविवार होने के कारण वे घर लौट रहे थे। रास्ते में अचानक सीने में दर्द हुआ और वे वहीं बेसुध हो गए। उन्होंने यह भी लिखा कि उनसे अभद्रता की गई और उनकी वीडियो बनाकर वायरल की गई। लेकिन जब डीईओ कार्यालय ने उनका चिकित्सा प्रमाणपत्र मंगवाया, तो उसमें चौंकाने वाला तथ्य सामने आया मेडिकल पर्चे में उन्हें पुराना शराबी लिखा गया था। किसी गंभीर बीमारी या चोट का कोई उल्लेख नहीं था।वीडियो में भी वे नशे में नजर आ रहे थे। इस आधार पर डीईओ ने 9 दिसंबर 2025 को आदेश क्रमांक 2007 जारी कर उन्हें निलंबित कर दिया और मझगवां के विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से अटैच कर दिया।
शिक्षा विभाग की कार्रवाई क्यों बनी ज़रूरी?
पिछले कुछ महीनों से सतना जिले में शिक्षकों की गैर-हाजिरी, मनमानी और कार्य में लापरवाही की शिकायतें बढ़ती जा रही थीं। इन दो मामलों ने यह साफ कर दिया कि कुछ शिक्षक अपनी सरकारी जिम्मेदारियों को हल्का समझने लगे हैं। सरकारी स्कूलों में पहले ही संसाधनों और शिक्षकों की कमी का मुद्दा चलता रहता है। ऐसे में अध्यापन कार्य से इस तरह का बचना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।





