लोकायुक्त पुलिस ने आज एक और शासकीय सेवक को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है खास बात ये है घूसखोर उनके ही विभाग का कमर्चारी है, जो धोखाधड़ी की एक एफआईआर लिखने के बदले 5 लाख रुपये रिश्वत मांग रहा था , लोकायुक्त की टीम ने उसे 75000 रुपये लेते रंगे हाथ पकड़ा है।
लोकायुक्त पुलिस जबलपुर ने सिवनी जिले में पदस्थ एक प्रधान आरक्षक को एक ठेकेदार से रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है, प्रधान आरक्षक ठेकेदार के साथ हुई धोखाधड़ी की एफआईआर लिखने के बदले रिश्वत ले रहा था, उसने जैसे ही रिश्वत ली पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
प्रधान आरक्षक ने मांगी 5 लाख रुपये रिश्वत
लोकायुक्त एसपी जबलपुर कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक सिवनी जिले की लखनादौन तहसील के ग्राम आदे गांव निवासी नितिन पाटकर नामक व्यक्ति ने एक स्शिकयती आवेदन दिया था, आवेदन में थाना केवलारी में पदस्थ प्रधान आरक्षक मनीष कुमार पटवा पर 5 लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोप लगाये थे।
ठेकेदार के साथ हुई धोखाधड़ी
आवेदक नितिन पाटकर ने बताया कि वो सिविल ठेकेदार है उसने नगर परिषद केवलारी जिला सिवनी में सीसी रोड एवं नाली निर्माण का ठेका लिया था। उसने पेटी ठेकेदार राय कंस्ट्रक्शन राहुल राय निवासी सिवनी को कार्य सौंपा था लेकिन राहुल द्वारा घटिया काम कर रुपए की धोखाधड़ी उसके साथ की गई जिसकी शिकायत उसने केवलारी थाने में 8 अक्टूबर को की थी।
पहली क़िस्त 25,000/- रुपये पहले ही ले चुका था
आवेदक नितिन पाटकर ने कहा कि थाना केवलारी में पदस्थ प्रधान आरक्षक मनीष कुमार पटवा धोखाधड़ी की FIR करने के एवज में उससे 5,00,000/- की मांग कर रहा था, नितिन ने बताया कि प्रथम किस्त के रूप में प्रधान आरक्षक मनीष कुमार पटवा 25,000/- रुपये ले चुका था। अब 75,000/- रुपये मांग रहा है।
ठेकेदार ने लोकायुक्त SP से की प्रधान आरक्षक की शिकायत
शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने सत्यापन कराया जिसमें प्रधान आरक्षक मनीष कुमार पटवा द्वारा रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि हो गई जिसके बाद लोकायुक्त टीम ने ट्रैप प्लान की, आज 16 अक्टूबर को लोकायुक्त जबलपुर की टीम थाना केवलारी जिला सिवनी पहुंची।
75,000/- रुपये हाथ में आते ही लोकायुक्त टीम ने पकड़ा
थाने पहुँचने के बाद आवेदक नितिन पाटकर ने प्रधान आरक्षक मनीष कुमार पटवा को दूसरी क़िस्त के रूप में 75 हजार रुपये जैसे ही दिए बाहर छिपी खड़ी लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया, पुलिस ने प्रधान आरक्षक की जेब से कैश बरामद कर लिया, लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन)2018 की धारा-7,13(1)B, 13(2) के अंतर्गत मामला दर्ज कर जाँच में ले लिया है।





