भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में नया प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने के बाद हेमंत खंडेलवाल संगठन का पुनर्गठन कर रहे हैं, अध्यक्षों की घोषणा किये जाने के बाद से कार्यकारिणी की घोषणा का इंतजार हो रहा था लेकिन अब जब घोषणा हुई तो कार्यकर्ताओं की नाराजगी और विरोध सामने आने लगा है।
भारतीय जनता पार्टी ने कल 19 सितम्बर को सिंगरौली जिले की कार्यकारिणी की घोषणा की जिसमें 7 उपाध्यक्ष, 3 महामंत्री और 7 मंत्री के अलावा एक कोषाध्यक्ष एवं एक कार्यालय मंत्री के नाम शामिल हैं, अध्यक्ष सुन्दर लाल शाह की नियुक्ति पहले हो चुकी थी उसके बाद से कार्यकारिणी के गठन का इंतजार हो रहा था और जब इंतजार पूरा हुआ तो बवाल मच गया।
राजेश तिवारी रज्जू ने दिया इस्तीफा बताया ये कारण
क्षेत्र के कद्दावर नेता कहे जाने वाले राजेश तिवारी रज्जू को पार्टी ने उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया और प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया, उन्होंने लिखा मैं जिला उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी पारिवारिक कारणों से नहीं निभा सकता हूँ इसके लिए समय नहीं दे पाउँगा इसलिए स्वेच्छा से बिना किसी दबाव के इस पद से इस्तीफा दे रहा हूँ।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा इस्तीफा
एक वरिष्ठ नेता, जिसका कार्यकारिणी में पहले नंबर पर नाम है उसके द्वारा घोषणा के कुछ घंटे बाद ही पद से इस्तीफा दे दिए जाने से जिले में बवाल मच गया, पार्टी के अन्दर सुगबुगाहट शुरू हो गई और सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों ने उनके इस्तीफे के साथ पोस्ट वायरल शुरु कर दी, जिसमें वे रज्जू तिवारी द्वारा संगठन के लिए किये गए कार्यों के बारे में लिख रहे हैं।
समर्थकों के बीच चल रही ये चर्चा
चर्चा है कि रज्जू तिवारी अध्यक्ष बनना चाहते थे लेकिन ये जिम्मेदारी पार्टी ने सुन्दर लाल शाह को दे दी फिर वे महामंत्री बनना चाहते थे ( सिंगरौली क्षेत्र में महामंत्री को उपाध्यक्ष से वजनदार और बड़ा पद माना जाता है) लेकिन वो भी नहीं मिला इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
जिला अध्यक्ष के लिए ये इस्तीफा बना चुनौती
अब चर्चा ये भी है कि रज्जू तिवारी के इस्तीफे के बाद संभव है कि उनके समर्थक पदाधिकारी भी इस्तीफा दे सकते हैं , इसे लेकर सियासी गलियारों में सुगबुगाहट हो रही है, ये नाराजगी और विरोध अध्यक्ष सुन्दर लाल शाह के लिए भी चुनौती बन सकता है क्योंकि जिला उनकी जिम्मेदारी है, अब देखना होगा कि शांत स्वभाव वाले नए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल इसे कैसे मैनेज करते हैं और विरोध को शांत करते हैं।





सिंगरौली से राघवेन्द्र गहरवार की रिपोर्ट





