IPL 2025 में पहली बार RCB को चैंपियन बनाने के बाद जब विराट कोहली ने कहा कि “ये जीत भी टेस्ट क्रिकेट के मुकाबले पांच कदम पीछे है,” तो क्रिकेट जगत में हलचल मच गई। जहां कुछ लोगों ने कोहली के टेस्ट लव की सराहना की, तो वहीं वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर आंद्रे रसेल को यह बात चुभ गई। दरअसल आंद्रे रसेल ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत जैसे देशों में टेस्ट खिलाड़ियों को इतना सपोर्ट और पैसा मिलता है, इसलिए विराट जैसे खिलाड़ी इसे ऊंचा मानते हैं।
दरअसल एक इंटरव्यू के दौरान आंद्रे रसेल ने दो टूक कहा कि, “टेस्ट क्रिकेट भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में ही चमकता है। वहां बोर्ड खिलाड़ियों को बड़े कॉन्ट्रैक्ट, पैसा और पहचान देता है। वहीं वेस्टइंडीज में खिलाड़ी 100 टेस्ट भी खेल लें, तो भी रिटायरमेंट के बाद उनके पास कुछ खास नहीं होता दिखाने को।”

आखिर क्यों छिड़ी इस पर बहस?
आंद्रे रसेल ने इशारा किया कि टेस्ट क्रिकेट के साथ उनके करियर की शुरुआत अच्छी रही, लेकिन जल्द ही उन्हें साइडलाइन कर दिया गया। उन्होंने कहा, “टेस्ट क्रिकेट मेरी पहली पसंद थी, लेकिन मुझे फिटनेस या गेम स्टाइल के बहाने बाहर कर दिया गया। हमारे यहां खिलाड़ी को अपने भविष्य की ज्यादा चिंता करनी पड़ती है, इसलिए वो T20 लीग्स की तरफ जाते हैं।” दरअसल आंद्रे रसल का बयान टेस्ट क्रिकेट की ग्लोबल इक्वलिटी पर बड़ा सवाल खड़ा करता है क्या वाकई यह फॉर्मेट सभी देशों के लिए समान मायने रखता है? दरअसल IPL 2025 फाइनल के बाद जब विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को ‘सबसे ऊंचा फॉर्मेट’ बताया, तब वो जीत की खुशी के साथ भावुक भी दिखे। उन्होंने कहा, “मैं RCB के साथ पहली बार ट्रॉफी जीतकर खुश हूं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट मेरे दिल के सबसे करीब है। मैं हमेशा टेस्ट फॉर्मेट को प्राथमिकता दूंगा।”
एक मात्र टेस्ट के बाद बाहर हुए आंद्रे रसेल
दरअसल विराट कोहली का यह बयान भले ही उनके टेस्ट क्रिकेट के प्यार को दिखाता हो, लेकिन इसका असर उन देशों के खिलाड़ियों पर भी पड़ा, जहां टेस्ट क्रिकेट को प्रोत्साहन नहीं मिलता। आंद्रे रसेल का जवाब यह बताता है कि क्रिकेट का हर फॉर्मेट हर देश में एक जैसा नहीं देखा जाता। दरअसल यह बयानबाजी ऐसे वक्त में आई है जब टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता पर सवाल उठ रहे हैं और खिलाड़ी T20 लीग्स को प्राथमिकता दे रहे हैं। ऐसे में कोहली जैसे खिलाड़ी की बात प्रेरणादायक हो सकती है, लेकिन सभी के लिए यह ज़मीनी सच्चाई नहीं है। बता दें कि आंद्रे रसेल ने 2010 में श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला और आखिरी टेस्ट मैच खेला था। इस मुकाबले में वह सिर्फ दो रन बना सके थे और एक विकेट मिला था। इसके बाद वह टेस्ट टीम से बाहर कर दिए गए। रसेल के मुताबिक, उन्हें बताया गया कि वो सिर्फ व्हाइट बॉल क्रिकेट के लिए फिट हैं