भारतीय क्रिकेट फैंस को उम्मीद जगाकर गुमनामी में खो गया यह खिलाड़ी! ले लिया संन्यास और नहीं मिला कोई फेयरवेल

भारत के तेज गेंदबाज बरिंदर सरन ने इंटरनेशनल क्रिकेट में अपने डेब्यू से ही सबका ध्यान खींचा था। उनकी स्विंग मिचेल स्टार्क जैसी धारदार थी, लेकिन 2016 के बाद टीम से बाहर होने के बाद उन्हें दोबारा मौका नहीं मिला। 

भारतीय क्रिकेट में ऐसे कई खिलाड़ी आए जो थोड़े ही समय में एक दम गायब हो गए। बरिंदर सरन भी एक ऐसा ही नाम, जिसने भारत को एक बेहतरीन लेफ्ट आर्म तेज गेंदबाज मिलने की उम्मीद दी थी। दरअसल 2016 में इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले सरन की स्विंग ने क्रिकेट फैंस को मिचेल स्टार्क की याद दिलाई थी। लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और 8 साल तक टीम से बाहर रहने के बाद उन्होंने अगस्त 2024 में चुपचाप संन्यास ले लिया। ऐसे में उन्हें न कोई विदाई मैच मिल और न ही कोई जश्न मनाने का मौका।

दरअसल बरिंदर सरन ने भारत के लिए 6 वनडे और 2 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले। उन्होंने वनडे में 7 विकेट और टी20 में 6 विकेट चटकाए। उनका डेब्यू 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुआ था, जहां उन्होंने पहले ही मैच में 3 विकेट लेकर सबको चौंका दिया था। लेकिन उसी साल जसप्रीत बुमराह का टीम में डेब्यू हुआ और धीरे-धीरे सरन टीम इंडिया से बाहर होते चले गए।

बरिंदर सरन का इंटरनेशनल करियर कितना लंबा चला?

दरअसल अगर बरिंदर सरन के करियर की बात की जाए तो उनका आखिरी इंटरनेशनल मैच 22 जून 2016 को जिम्बाब्वे के खिलाफ था। इसके बाद वह घरेलू क्रिकेट में ही खेलते हुए नजर आए। उन्होंने फरवरी 2021 में आखिरी बार विजय हजारे ट्रॉफी में पंजाब के लिए खेला था। लेकिन सेलेक्टर्स की नजर में वो दोबारा नहीं चढ़ पाए। एक किसान परिवार से आने वाले बरिंदर के लिए यह सफर आसान नहीं था, लेकिन उनके संन्यास लेने के निर्णय ने कई दिग्गजों को चौंका दिया था। ऐसे में यह समझा जा सकता है कि इस समय क्रिकेट की दुनिया में कई खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिन्हें बड़ी पहचान नहीं मिली और इसी वजह से वे संन्यास का ऐलान कर देते हैं।

भारत को बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों की कमी खली

दरअसल जहीर खान और आशीष नेहरा जैसे दिग्गजों के रिटायरमेंट के बाद भारत को एक भरोसेमंद बाएं हाथ का तेज गेंदबाज नहीं मिला। बरिंदर सरन ने इस कमी को कुछ हद तक पूरा करने की कोशिश की थी। उनकी आउटस्विंग, लेंथ और नई गेंद से नियंत्रण ने उन्हें खास बनाया था। लेकिन चोटें, कंसिस्टेंसी की कमी और नए विकल्पों की भीड़ ने उन्हें पीछे धकेल दिया। दरअसल टीम में मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार और फिर बुमराह जैसे गेंदबाजों के आने से लेफ्ट आर्म पेस ऑप्शन पर ध्यान कम हो गया। इस दौरान कई बार IPL में भी सरन को मौका मिला, लेकिन वे वहां भी लंबे समय तक नहीं टिक पाए।


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Rishabh Namdev

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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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