भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अपने स्टाफ की डेली अलाउंस यानी दैनिक भत्ते की नीति में बड़ा बदलाव किया है। लंबे समय से कर्मचारियों को टूर्नामेंट भत्ता नहीं मिला था क्योंकि पॉलिसी पर दोबारा विचार किया जा रहा था। अब नई नीति के तहत ट्रैवल के दौरान स्टाफ को हर दिन ₹10,000 रुपये मिलेंगे, हालांकि टैक्स कटौती के बाद ये राशि ₹6,500 के करीब रह जाती है।
दरअसल BCCI की पुरानी नीति में छोटे टूर (4 दिन तक) के लिए ₹15,000 प्रतिदिन और बड़े टूर्नामेंट जैसे IPL, WPL या ICC इवेंट्स के लिए ₹10,000 प्रतिदिन दिए जाते थे। लेकिन अब ‘एक समान’ पॉलिसी लागू की गई है, जिसके तहत हर कर्मचारी को टूर्नामेंट के दौरान डेली ₹10,000 रुपये मिलेंगे।
अब यह राशि सीधे प्रतिदिन के भत्ते में जोड़ी जाएगी
बता दें कि पहले आकस्मिक (Incidental) भत्ता ₹7,500 रुपये का एकमुश्त मिलता था, लेकिन अब इसे खत्म कर दिया गया है। नई पॉलिसी के मुताबिक अब यह राशि सीधे प्रतिदिन के भत्ते में जोड़ दी गई है। इस बदलाव से पॉलिसी में क्लैरिटी आई है, लेकिन कुछ कर्मचारियों को इसकी वजह से कम भत्ता भी मिल सकता है। 70 दिन चलने वाले IPL में, जो कर्मचारी पूरे टूर्नामेंट में सफर करते हैं, उन्हें ₹7 लाख रुपये तक का डेली भत्ता मिलेगा। लेकिन जो सिर्फ कुछ दिन ही ट्रैवल करते हैं, वो केवल कुल राशि का 60% ही क्लेम कर सकते हैं। वहीं, अगर कोई बिल्कुल ट्रैवल नहीं करता तो उसे सिर्फ 40% भत्ता मिलेगा।
विदेशी दौरे पर अब भी मोटा भत्ता
दरअसल जहां देश में कर्मचारियों को ₹10,000 प्रतिदिन मिलते हैं, वहीं विदेश यात्रा पर अलग नियम लागू होते हैं। BCCI स्टाफ को विदेशी दौरों पर $300 (करीब ₹25,000) प्रतिदिन दिए जाते हैं। वहीं, अध्यक्ष, सचिव और अन्य शीर्ष अधिकारी विदेश यात्रा पर $1000 (₹83,000 से ज्यादा) का भत्ता लेते हैं। इसके अलावा, अगर किसी मानद अधिकारी को भारत में सिर्फ एक दिन की मीटिंग अटेंड करनी हो, तो उन्हें ₹40,000 प्रतिदिन का भत्ता मिलता है। वहीं, कई दिन की घरेलू यात्राओं पर ये भत्ता ₹30,000 प्रतिदिन हो जाता है। ये राशि बाकी कर्मचारियों की तुलना में काफी ज्यादा है, जिससे बोर्ड में शीर्ष स्तर और सामान्य स्टाफ के बीच भत्तों में फर्क साफ देखा जा सकता है।





