क्रिकेट में ऐसी कई कंट्रोवर्सी (Cricket controversy) रही हैं जिन्होंने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा, और भारतीय टीम भी इससे दूर नहीं रही। भारतीय टीम के कई बड़े खिलाड़ी कंट्रोवर्सी में शामिल रहे। आज हम जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं उनका नाम है महेंद्र सिंह धोनी। महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय टीम को आईसीसी की तीन ट्रॉफियां जिताई हैं। पहले 2007 में टी20 वर्ल्ड कप फिर 2011 में वनडे वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब। लेकिन जितना शानदार महेंद्र सिंह धोनी का कप्तानी करियर रहा उतना ही यह विवादों से भी भरा रहा।
कप्तानी से हटाने की मांग उठने लगी
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें लगातार ट्रोल किया जाने लगा और कप्तानी से हटाने की मांग भी उठने लगी। हालांकि महेंद्र सिंह धोनी ने 2017 में वनडे और टी20 टीम की कप्तानी खुद छोड़ी जबकि 2014 में उन्होंने टेस्ट से कप्तानी से संन्यास लिया। लेकिन इस दौरान उनकी कप्तानी को लेकर कई विवाद देखने को मिले। धोनी के करियर में एक समय ऐसा आया जब उन्हें कप्तानी से बर्खास्त किए जाने की मांग होने लगी। साल था 2011। 2011 में टीम इंडिया इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बुरी तरह टेस्ट सीरीज हारी थी। भारत को दोनों विदेशी दौरों पर 4-0 की हार का सामना करना पड़ा था।
जानिए पूरी कहानी
इसके बाद शुरू हुआ बड़ा विवाद। दरअसल चयनकर्ताओं ने फरवरी 2012 में जब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ट्राई सीरीज के लिए भारतीय टीम का चयन किया तो इस दौरान किसी भी खिलाड़ी को कप्तान नहीं बनाया गया। इस लिस्ट में महेंद्र सिंह धोनी के आगे भी कप्तान नहीं लिखा गया था और यह लिस्ट बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के पास भेजी गई। लेकिन एन. श्रीनिवासन ने अपने विशेष अधिकार का उपयोग किया और धोनी को कप्तानी से हटाने से इनकार कर दिया। 2020 में इसका खुलासा मुख्य चयनकर्ता मोहिंदर अमरनाथ द्वारा भी किया गया था। हालांकि एन. श्रीनिवासन पर इस दौरान कई गंभीर आरोप लगे। उन पर आरोप था कि चेन्नई सुपर किंग्स और धोनी के रिश्तों के कारण उन्होंने ऐसा किया। हालांकि श्रीनिवासन का कहना था कि धोनी का रिकॉर्ड एक या दो सीरीज में खराब होने से उन्हें कप्तानी से नहीं हटाया जा सकता। धोनी ने साल 2011 में भारतीय टीम को वनडे वर्ल्ड कप जिताया था।
साल 2020 में हुआ बड़ा खुलासा
साल 2020 में मोहिंदर अमरनाथ ने एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में बताया कि धोनी को कप्तानी से हटाने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया था। पांच चयनकर्ताओं ने इसका समर्थन किया था लेकिन बोर्ड अध्यक्ष ने इस फैसले को मंजूरी नहीं दी। अमरनाथ ने कहा था “अगर एक ही व्यक्ति को कमान संभालनी थी तो चयन समिति की क्या जरूरत है? हमें वहां नहीं होना चाहिए था।” हालांकि इस बड़े खुलासे के बाद मोहिंदर अमरनाथ को उनके पद से भी हटा दिया गया था। यह भारतीय क्रिकेट में एक बड़ा फैसला माना गया था।





