Sat, Dec 27, 2025

जो कभी थे चमकते सितारे आज पाई-पाई को मोहताज! Cricket छोड़ने के बाद इन खिलाड़ियों के लिए मुश्किल रहा जीवन

Written by:Rishabh Namdev
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क्रिकेट की दुनिया में नाम कमाने के बाद भी कई इंटरनेशनल खिलाड़ी ऐसे हैं जिनकी जिंदगी रिटायरमेंट के बाद पूरी तरह से बदल गई। भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और न्यूजीलैंड जैसे देशों के कई बड़े नाम आज तंगी में जी रहे हैं। इन खिलाड़ियों की कहानी बताती है कि शोहरत के बाद भी फाइनेंशियल प्लानिंग कितनी जरूरी है।
जो कभी थे चमकते सितारे आज पाई-पाई को मोहताज! Cricket छोड़ने के बाद इन खिलाड़ियों के लिए मुश्किल रहा जीवन

क्रिकेट खेलने वाले कई खिलाड़ी इंटरनेशनल लेवल पर पहचान तो बना लेते हैं लेकिन रिटायरमेंट के बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती है। लग्जरी लाइफ जीने वाले ये सितारे जब मैदान से दूर हुए तो आम जिंदगी में उन्हें संघर्ष करना पड़ा। कुछ ने नौकरी की तलाश की, कुछ ने ड्राइविंग से लेकर मार्शल आर्ट तक अपनाया, तो कुछ को बोर्ड से मदद मांगनी पड़ी।

पूर्व क्रिकेटर्स की आर्थिक तंगी ने चौंकाया

दरअसल न्यूजीलैंड के मैथ्यू सिंक्लेयर ने अपने डेब्यू टेस्ट में डबल सेंचुरी मारी थी लेकिन रिटायरमेंट के बाद उन्हें लंबे समय तक नौकरी नहीं मिली। हालात ऐसे हुए कि उन्होंने रियल एस्टेट में काम शुरू किया। वहीं उनके देश के एक और दिग्गज क्रिस केर्न्स, जिन्होंने भारत के खिलाफ फाइनल में जीत दिलाई थी, बाद में ट्रक धोने और ड्राइविंग तक करने को मजबूर हो गए। इंग्लैंड के ऑलराउंडर एडम हॉलिओके की हालत भी कुछ ऐसी ही रही। उन्होंने MMA (मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स) में उतरकर परिवार का खर्चा चलाया। ये सभी नाम इस बात का उदाहरण हैं कि ग्लैमर के पीछे की जिंदगी कितनी मुश्किल हो सकती है, खासकर तब जब खिलाड़ी रिटायर हो जाएं।

भारत-पाकिस्तान के खिलाड़ी भी हुए परेशान

वहीं भारत और पाकिस्तान के कुछ पूर्व क्रिकेटर्स की जिंदगी भी रिटायरमेंट के बाद सामान्य नहीं रही। पाकिस्तान के अरशद खान को क्रिकेट छोड़ने के बाद अपनी जमीन बेचकर ऑस्ट्रेलिया जाना पड़ा। वहां उन्होंने टैक्सी चलाना शुरू किया। बाद में PCB ने उन्हें महिला टीम का बॉलिंग कोच बनाया। दरअसल भारत के विनोद कांबली, जो कभी सचिन तेंदुलकर के साथ टीम इंडिया की बैटिंग रीढ़ माने जाते थे, आज पेंशन पर गुजर-बसर कर रहे हैं। उन्होंने खुद मीडिया को बताया कि उन्हें बीसीसीआई से 30,000 रुपये पेंशन मिलती है, जिससे उनका घर चलता है। उनकी इस हालत पर कपिल देव और सुनील गावस्कर ने मदद का हाथ बढ़ाया था। ये दोनों मामले दिखाते हैं कि फेम और पैसा हमेशा साथ नहीं चलते।

श्रीलंका के क्रिकेटर्स भी नहीं बचे तंगी से

दरअसल श्रीलंका के स्पिनर सूरज रणदीव, जो 2011 वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा रहे थे, अब ऑस्ट्रेलिया में बस ड्राइवर की नौकरी कर रहे हैं। उनके साथ एक और पूर्व क्रिकेटर चिंतका जयसिंघे भी उसी कंपनी में काम करते हैं। सूरज ने टेस्ट, वनडे और टी20 में अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन रिटायरमेंट के बाद क्रिकेट से जुड़ी कोई भूमिका नहीं मिल पाई। ऐसे कई और खिलाड़ी हैं जिनका करियर इंटरनेशनल लेवल पर शानदार था, लेकिन आर्थिक व्यवस्था न होने से उन्हें आम नौकरी करनी पड़ी। इससे ये साफ होता है कि सिर्फ टैलेंट से करियर नहीं चलता, साथ में प्लानिंग और बैकअप जरूरी होता है।