टीम इंडिया के नए कोच गौतम गंभीर टेस्ट क्रिकेट में बदलाव लाने की तैयारी में हैं। इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की सीरीज से पहले भारत और भारत A के बीच एक इंट्रा-स्क्वॉड प्रैक्टिस मैच खेला जाएगा, लेकिन इसे आम जनता या मीडिया के सामने नहीं किया जाएगा। यह फैसला गंभीर का है ताकि इंग्लैंड को भारत की रणनीति, प्लेइंग ऑर्डर और कॉम्बिनेशन का अंदाजा न लगे। दरअसल इस रणनीति का इस्तेमाल भारत पहले भी कर चुका है, खासकर जब 2024 में ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले इसी तरह का सीक्रेट मैच हुआ था।
बता दें कि भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का पहला टेस्ट 20 जून से हेडिंग्ले में खेला जाएगा। इस सीरीज की सबसे खास बात यह है कि टीम इंडिया पहली बार रोहित शर्मा और विराट कोहली के बिना मैदान में उतरेगी। दोनों दिग्गज हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं।

भविष्य पर किया जा रहा फोकस
दरअसल हाल ही में शुभमन गिल को कप्तानी सौंपी गई है और टीम का चेहरा अब युवा खिलाड़ियों से सजा है। ऋषभ पंत उपकप्तान की भूमिका में होंगे और बल्लेबाजी क्रम में यशस्वी जयसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन और करुण नायर जैसे युवा चेहरों को मौका दिया गया है। ऐसे समय में अब यह भारत के टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को तैयार करने का बेहतरीन मौका है, जहां नए खिलाड़ी खुद को साबित कर सकते हैं।
जसप्रीत बुमराह की वापसी पर सबकी नजर
वहीं चार दिवसीय अभ्यास मैच में सबसे बड़ी निगाहें जसप्रीत बुमराह पर रहेंगी। वह लगभग छह महीने बाद रेड बॉल क्रिकेट में लौट रहे हैं। इस इंट्रा-स्क्वॉड मैच के ज़रिए बुमराह अपनी फिटनेस और लंबे स्पेल में गेंदबाजी करने की तैयारी को परख पाएंगे। टीम मैनेजमेंट के लिए यह मैच बुमराह की रिदम और लय को देखने का बेहतरीन मौका होगा। गंभीर और गेंदबाजी कोच इस बात पर नजर रखेंगे कि बुमराह कितनी तेजी और सटीकता के साथ बॉलिंग कर रहे हैं। उनकी वापसी भारत के लिए बेहद अहम है क्योंकि इंग्लैंड जैसी मजबूत बल्लेबाजी लाइन-अप को रोकने के लिए अनुभव और धार दोनों जरूरी है। अगर बुमराह पूरी लय में लौटते हैं, तो यह भारत के लिए गेमचेंजर हो सकते है।