भारत ने एजबेस्टन टेस्ट की पहली पारी में 587 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया है। दरअसल शुभमन गिल की 269 रन की शानदार पारी, यशस्वी जायसवाल के 87 और जडेजा के 89 रन की पारियों ने भारतीय पारी को मजबूत बनाया। लेकिन इतनी मजबूत पोजिशन में होने के बावजूद भी टीम इंडिया की जीत तय नहीं मानी जा रही है। दरअसल इसके पीछे की वजह है एजबेस्टन का इतिहास। बता दें कि इस मैदान पर टूरिंग टीम ने जब-जब 500 से ज्यादा का स्कोर बनाया है, मुकाबला ड्रॉ ही रहा है।
दरअसल एजबेस्टन का इतिहास भारत के लिए थोड़ा चिंता बढ़ाने वाला है। इस मैदान पर भारत से पहले पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका की टीमों ने भी पहली पारी में 500 से ज्यादा रन बनाए थे लेकिन नतीजा ड्रॉ ही रहा।
जानिए मैच का अब तक का हाल
जानकारी दे दें कि 1971 में पाकिस्तान ने पहली पारी में 608/7d रन बनाए थे, लेकिन मैच ड्रॉ रहा। इतना ही नहीं ठीक ऐसा ही हुआ 2003 में साउथ अफ्रीका के साथ, जब उन्होंने 594/5d रन बनाए और फिर भी जीत हासिल नहीं कर पाए। इससे साफ है कि पहली पारी में बड़ा स्कोर जरूरी है, लेकिन जीत की गारंटी नहीं। इसके विपरीत इंग्लैंड जब भी इसी मैदान पर पहली पारी में 500+ रन बनाए हैं, उन्हें जीत मिली है। जैसे कि 1979 में भारत के खिलाफ 633/5d, 2004 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 566/9d और 2017 में फिर वेस्टइंडीज के खिलाफ 514/8d रन बनाकर इंग्लैंड ने बाज़ी मारी थी।
आज क्या हो सकती है भारत की रणनीति?
दरअसल दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड की हालत नाजुक थी। टीम ने 77 रन पर 3 विकेट गंवा दिए थे और जो रूट तथा हैरी ब्रूक क्रीज पर थे। भारत को इस जोड़ी को जल्द से जल्द तोड़ना होगा, तभी मैच में दबदबा कायम रखा जा सकता है। भारत की पहली पारी के स्कोर के हिसाब से टीम के पास 510 रन की बढ़त है। ऐसे में अगर भारतीय गेंदबाज़ इंग्लैंड को 387 रन से पहले ऑलआउट करने में कामयाब होते हैं तो फॉलोऑन देने का विकल्प खुल जाएगा। इस स्थिति में इंग्लैंड पर दबाव काफी ज्यादा बढ़ जाएगा और भारत के जीतने की उम्मीदें काफी मजबूत हो सकती हैं।





