भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज में भले ही रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे बल्लेबाजों की गैरमौजूदगी हो, लेकिन गेंदबाजी डिपार्टमेंट में जसप्रीत बुमराह के होने से टीम इंडिया संतुलित नजर आ रही है। इंग्लैंड की पिचें वैसे भी तेज गेंदबाजों को मदद देती हैं, और भारतीय गेंदबाजों ने बीते वर्षों में यहां जबरदस्त प्रदर्शन किया है। आज हम बात कर रहे हैं उन तीन भारतीय गेंदबाजों की जिन्होंने इंग्लैंड में टेस्ट इतिहास के सबसे शानदार स्पेल डाले और टीम इंडिया को गर्व करने का मौका दिया।
ईशांत शर्मा का लॉर्ड्स में कहर
दरअसल ईशांत शर्मा का 2014 में लॉर्ड्स टेस्ट में डाला गया स्पेल भारतीय टेस्ट इतिहास का एक ऐतिहासिक मोड़ था। इंग्लैंड की दूसरी पारी में ईशांत ने 23 ओवर की गेंदबाजी करते हुए 74 रन देकर 7 विकेट चटकाए थे। खास बात यह रही कि उन्होंने शॉर्ट पिच गेंदों की मदद से इंग्लिश बल्लेबाजों को फंसाया। उनकी गेंदबाजी इतनी असरदार रही कि इंग्लैंड की मजबूत बल्लेबाजी क्रम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। इस स्पेल के दम पर भारत ने 95 रन से मुकाबला जीतकर लॉर्ड्स में 28 साल बाद जीत दर्ज की थी। प्लेयर ऑफ द मैच ईशांत को ही चुना गया था और उनका ये प्रदर्शन आज भी सबसे बेहतरीन माना जाता है।
बीएस चंद्रशेखर का ओवल में चमत्कार
वहीं 1971 में इंग्लैंड के ओवल मैदान पर भारत ने जो टेस्ट जीता, वो सिर्फ एक जीत नहीं बल्कि एक इतिहास था। बीएस चंद्रशेखर की फिरकी का जादू इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर ऐसा चला कि उन्होंने 38 रन देकर 6 विकेट चटका दिए। यह स्पेल दूसरी पारी में आया, जब इंग्लैंड ने पहली पारी में बढ़त बना ली थी। चंद्रशेखर की घातक गेंदबाजी के चलते इंग्लैंड दूसरी पारी में केवल 101 रन पर सिमट गया और भारत को जीत के लिए 173 रन का लक्ष्य मिला, जिसे उसने 4 विकेट से हासिल कर लिया। यह इंग्लैंड की धरती पर भारत की पहली टेस्ट जीत थी, और उस टीम के कप्तान अजित वाडेकर थे। चंद्रशेखर की यह गेंदबाजी आज भी ऐतिहासिक मानी जाती है।
अमर सिंह का शानदार स्पेल
दरअसल 1936 में जब भारतीय क्रिकेट अपनी शुरुआत के दौर में था, तब अमर सिंह ने इंग्लैंड में 6 विकेट लेकर पूरी दुनिया को चौंका दिया था। उन्होंने 35 रन देकर 6 विकेट झटके, जो उस समय के लिहाज से एक शानदार प्रदर्शन था। हालांकि उस मुकाबले में भारत को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन अमर सिंह का नाम टेस्ट इतिहास में दर्ज हो गया। वह भारत के पहले ऐसे गेंदबाजों में से एक थे जिन्होंने विदेशी जमीन पर अपनी प्रतिभा साबित की। उस दौर में सीमिंग कंडीशन में गेंदबाजी करना बेहद मुश्किल था, ऐसे में अमर सिंह का ये प्रदर्शन आज भी भारतीय गेंदबाजी इतिहास का अहम हिस्सा है।





