जब भारतीय टीम के 4 खिलाड़ियों का डेब्यू मैच ही बन गया आखिरी मुकाबला! जानिए क्या थी वजह

हर खिलाड़ी का सपना होता है टीम इंडिया की नीली जर्सी पहनना, लेकिन कुछ ऐसे भी क्रिकेटर रहे जिनका डेब्यू ही आखिरी मौका बन गया। किसी ने बढ़िया प्रदर्शन किया फिर भी दूसरा मैच नसीब नहीं हुआ, तो कोई पहली बार में ही फ्लॉप रहा।

हर क्रिकेटर टीम इंडिया की नीली जर्सी पहनने का सपना देखता है। कई खिलाड़ी सालों तक घरेलू क्रिकेट में पसीना बहाते हैं, तब जाकर उन्हें भारतीय टीम में एक मौका मिलता है। लेकिन अगर वो मौका ही आखिरी बन जाए तो आप क्या करेंगे? दरअसल कुछ भारतीय क्रिकेटरों के साथ ऐसा ही हुआ। उन्होंने वनडे क्रिकेट में डेब्यू तो किया, लेकिन फिर कभी टीम में वापसी नहीं कर सके। आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे 4 भारतीय खिलाड़ियों के बारे में जिनका डेब्यू ही उनके इंटरनेशनल करियर का अंत बन गया।

परवेज रसूल का वनडे डेब्यू

दरअसल जम्मू-कश्मीर के ऑलराउंडर परवेज रसूल का सपना था कि वे भारत के लिए खेले।हालांकि उन्होंने ये मुकाम हासिल भी किया। 2014 में बांग्लादेश के खिलाफ मीरपुर में उन्होंने वनडे डेब्यू किया। इस मैच में उन्होंने 2 विकेट लिए, लेकिन उसके बाद उन्हें फिर कभी टीम में नहीं चुना गया। आईपीएल में भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था और 2014 में सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें 95 लाख में खरीदा था। जम्मू-कश्मीर से IPL खेलने वाले वह पहले खिलाड़ी बने। बावजूद इसके, रसूल की इंटरनेशनल करियर सिर्फ एक मैच तक ही सीमित रह गया।

फैज फजल भी 55 रन की पारी के बाद भी टीम से बाहर

वहीं नागपुर में जन्मे फैज फजल घरेलू क्रिकेट के अनुभवी खिलाड़ी रहे हैं। दरअसल 2016 में उन्हें जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे डेब्यू का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 55 रनों की शानदार पारी खेली। लेकिन इसके बावजूद उन्हें फिर कभी भारतीय टीम में जगह नहीं मिली। इससे पहले उन्होंने देवधर ट्रॉफी और ईरानी कप में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। फैज को इंडिया ब्लू का कप्तान भी बनाया गया था, लेकिन इंटरनेशनल करियर के लिए ये सब काफी नहीं था। उनके प्रदर्शन को नजरअंदाज कर दिया गया और टीम इंडिया की नीली जर्सी सिर्फ एक बार ही पहन पाए।

वनडे में चंद्रशेखर भी नहीं चमक सके

इनके अलावा बी.एस. चंद्रशेखर को टेस्ट क्रिकेट का दिग्गज माना जाता है। उन्होंने भारत के लिए 58 टेस्ट खेले और 242 विकेट लिए। उन्हें पद्मश्री से भी नवाजा गया। लेकिन वनडे क्रिकेट में उनका करियर महज एक मैच का रहा। 1976 में न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने डेब्यू किया और 3 विकेट भी झटके, फिर भी वह दोबारा टीम में नहीं लौट पाए। टेस्ट में जहां उन्होंने इतिहास रचा, वहीं वनडे में उन्हें भुला दिया गया।

एक मैच, बिना विकेट और करियर खत्म

वहीं तेज गेंदबाज पंकज सिंह ने 2010 में श्रीलंका के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया था। लेकिन डेब्यू मैच में उन्होंने 7 ओवर में 45 रन दिए और कोई विकेट नहीं मिला। इसके बाद उन्हें दोबारा मौका नहीं मिला। घरेलू क्रिकेट में पंकज एक भरोसेमंद गेंदबाज थे और आईपीएल में भी उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के लिए खेला था। लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट में उनका सफर सिर्फ एक मुकाबले तक ही सीमित रहा। वह दो टेस्ट भी खेले लेकिन वहां भी प्रभाव नहीं छोड़ पाए।


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Rishabh Namdev

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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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