रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को सनराइजर्स हैदराबाद से मिली 42 रन की हार ने पॉइंट्स टेबल में उठापटक मचा दी है, लेकिन टीम अभी भी टॉप-2 की रेस में बनी हुई है। इस हार के बाद आरसीबी के 13 मैचों में 17 अंक हो चुके हैं और नेट रन रेट 0.255 है। टीम इस वक्त तीसरे स्थान पर है। टॉप-2 में पहुंचने के लिए आरसीबी को न सिर्फ अपना आखिरी मैच जीतना होगा बल्कि पंजाब और गुजरात जैसी टीमों का हार का इंतजार भी करना पड़ेगा।
दरअसल आरसीबी के पास अभी भी 19 अंक तक पहुंचने का मौका है। इसके लिए उन्हें 27 मई को लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ होने वाले मैच को हर हाल में जीतना होगा। वहीं जीत के बाद भी अगर पंजाब किंग्स अपने दोनों बचे मुकाबले हार जाती है और गुजरात टाइटन्स चेन्नई से हार जाती है, तब आरसीबी 19 अंक के साथ टेबल में नंबर 1 पोजिशन पर पहुंच सकती है। हालांकि यह पूरी तरह से दूसरी टीमों के नतीजों पर निर्भर करता है। इतना ही नहीं अब मुंबई इंडियन्स भी 18 अंकों तक पहुंच सकती है, ऐसे में रन रेट भी बेहद अहम फैक्टर होने वाला है।

टॉप-2 की रेस में RCB की सबसे बड़ी साथी है ये टीम?
दरअसल सनराइजर्स से हार के बाद अब आरसीबी की नजरें पंजाब किंग्स, गुजरात टाइटन्स और मुंबई इंडियन्स के मैचों पर रहेगी। अब आरसीबी चाहेगी कि दिल्ली कैपिटल्स 24 मई को पंजाब को हराए और चेन्नई 25 मई को गुजरात को मात दे। इससे पंजाब और गुजरात दोनों की टॉप-2 की उम्मीदों को झटका लगेगा। इसके अलावा 26 मई को मुंबई बनाम पंजाब मैच में आरसीबी मुंबई का सपोर्ट करेगी क्योंकि पंजाब की हार से आरसीबी को 19 अंकों के साथ आगे निकलने का मौका मिल सकता है। दरअसल मुंबई की जीत उसे 18 अंक तक ले जाएगी, लेकिन तब भी आरसीबी 19 अंकों के साथ नंबर एक रह सकती है, लेकिन इसके लिए टीम का नेट रन रेट मजबूत हो।
लखनऊ के खिलाफ जीत ही नहीं, बड़ा नेट रन रेट भी ज़रूरी
बता दें कि अब लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ आखिरी मुकाबला सिर्फ जीत का नहीं, बल्कि बड़े अंतर की जीत का खेल बन चुका है। आरसीबी को अब रन रेट का भी खास ख्याल रखना होगा क्योंकि मुंबई और गुजरात जैसी टीमों से नंबर वन की टक्कर रन रेट के जरिए ही तय होगी। ऐसे में सिर्फ लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत दर्ज करना काफी नहीं होगा, टीम को अगर पहले बल्लेबाजी का मौका मिले तो बड़ा स्कोर खड़ा कर, फिर विपक्षी को सस्ते में समेटना होगा। अगर आरसीबी ये मैच बड़े अंतर से जीतती है और बाकी समीकरण उनके पक्ष में जाते हैं, तो टीम 19 अंक के साथ नंबर एक पोजिशन पर भी सीजन खत्म कर सकती है। ऐसे में क्वालिफायर-1 में जगह पक्की हो जाएगी, जो सीधे फाइनल में पहुंचने का सबसे आसान रास्ता है।