आईपीएल 2025 की चैंपियन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु बिकने के लिए तैयार है। ब्रिटिश कंपनी Diageo PLC ने इस फ्रेंचाइजी से अलग होने का निर्णय ले लिया है। यही कारण है कि अब इस फ्रेंचाइजी को खरीदने की होड़ लग गई है। हर दिन नए नाम इस लिस्ट में शामिल होते जा रहे हैं। सबसे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला का नाम इसमें जुड़ा था, वहीं अब इस लिस्ट में दो और नाम जुड़ गए हैं।
दरअसल क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक अब आरसीबी के खरीदारों की गिनती और बढ़ गई है। इसमें कुल 6 खरीदार सामने आ चुके हैं। इन खरीदारों की लिस्ट में सबसे बड़ा नाम अडानी ग्रुप का है। जनरल साउथ वेस्ट ग्रुप के मालिक पार्थ जिंदल और अडानी ग्रुप भी अब आरसीबी पर दांव खेल सकते हैं।
क्या आईपीएल 2026 से पहले ही होगा फैसला?
हालांकि सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या आईपीएल 2026 से पहले ही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम बिक जाएगी? दरअसल, आरसीबी को खरीदने की इस रेस में अब जेएसडब्ल्यू ग्रुप और दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक पार्थ जिंदल भी शामिल हो चुके हैं। लेकिन पार्थ जिंदल के आरसीबी के मालिक बनने की उम्मीद कम है। दरअसल, अगर आरसीबी को जिंदल ग्रुप खरीदता है, तो दिल्ली कैपिटल्स के मालिक केवल जीएमआर ग्रुप ही रह जाएंगे या फिर दिल्ली की टीम को भी अपने नए मालिक की तलाश करनी होगी। ऐसे में अब यह रेस और दिलचस्प हो गई है कि क्या पार्थ जिंदल दिल्ली को छोड़कर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की फ्रेंचाइजी को खरीदेंगे।
अडानी ग्रुप की भी एंट्री
इस लिस्ट में अडानी ग्रुप की भी एंट्री हो चुकी है। बता दें कि अडानी ग्रुप ने पहले भी आईपीएल फ्रेंचाइजी को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी। साल 2021 में गुजरात टाइटंस की टीम को खरीदने में अडानी ग्रुप भी आगे रहा था, जबकि अडानी ग्रुप ने विमेंस प्रीमियर लीग में गुजरात जायंट्स को खरीद रखा है। अब यह रेस दिलचस्प होने वाली है कि क्या अडानी ग्रुप रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को आईपीएल 2026 से पहले खरीदेगा।
कितनी है कुल वैल्यू?
जानकारी दें कि आईपीएल 2025 का खिताब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम ने अपने नाम किया था और 18 साल का सूखा खत्म किया था। इससे फ्रेंचाइजी की फैन फॉलोइंग और भी ज्यादा बढ़ गई। सोशल मीडिया पर सभी टीमों में से सबसे ज्यादा फॉलोअर्स रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आरसीबी की कुल वैल्यू 17,859 करोड़ रुपए है, हालांकि इससे सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला सहमत नहीं हैं।





