Paris Olympics 2024: जैस्मीन लंबोरिया ने हासिल किया ओलंपिक कोटा, भारत को मिला छठा टिकट

जैस्मीन लम्बोरिया ने राष्ट्रमंडल खेल में ब्रांज मेडल पाई हैं। वहीं, ओलंपिक क्वालिफाई करने वाली जैस्मीन 6वीं खिलाड़ी बन गई हैं।

Shashank Baranwal
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Jasmine Lamboria

Paris Olympics 2024: ओलंपिक 2024 का आयोजन फ्रांस की राजधानी पेरिस में होने वाला है, जोकि 16 जुलाई से 11 अगस्त तक होगा। ओलंपिक गेम्स में खिलाड़ियों को शामिल होने के लिए क्वालिफायर मुकाबले खेले जा रहे हैं। वहीं, रविवार को मुक्केबाज अमित पंघाल के बाद एक और जैस्मीन लम्बोरिया ने मुक्केबाजी में ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर ली है।

57 किग्रा में भार में किया क्वालिफाई

दूसरे विश्व क्वालिफिकेशन मुक्केबाजी टूर्नामेंट में जैस्मीन लम्बोरिया ने 57 किग्रा भार में ओलंपिक का कोटा हासिल किया है। उन्होंने माली की मेरिन कमारा को 5-0 से हराकर पेरिस में होने वाले ओलंपिक में जगह पक्की है। आपको बता दें जैस्मीन लम्बोरिया ने राष्ट्रमंडल खेल में ब्रांज मेडल पाई हैं। वहीं, ओलंपिक क्वालिफाई करने वाली जैस्मीन 6वीं खिलाड़ी बन गई हैं।

अमित पंघाल ने भी हासिल किया कोटा

रविवार को ही अमित पंघाल ने दूसरे विश्व क्वालिफिकेशन मुक्केबाजी टूर्नामेंट में 51 किग्रा भार वर्ग में ओलंपिक 2024 का कोटा हासिल किया है। उन्होंने चीन के लियु चुआंग को हराकर ओलंपिक में जगह पक्की की है।

इन खिलाड़ियों ने की जगह पक्की

  • लवलीना बोरगोहेन- 75 किग्रा
  • निशांत देव- 71 किग्रा
  • जैस्मीन लम्बोरिया- 57 किग्रा
  • प्रीति पवार- 54 किग्रा
  • अमित पंघाल- 51 किग्रा
  • निकहत जरीन- 50 किग्रा

 

 

 


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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