बीसीसीआई के नए नियम को लेकर हाल ही में एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल, कुछ समय पहले बीसीसीआई द्वारा यह नियम बनाया गया था कि कोई भी खिलाड़ी विदेशी दौरे पर अपने परिवार को साथ नहीं ले जा सकेगा। दरअसल, यह फैसला बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में मिली हार के बाद बीसीसीआई की ओर से लिया गया था। यही वजह रही कि चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट में भी खिलाड़ियों के परिवार उनके साथ नहीं रह सके। वहीं, अब इस मामले में भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव ने अपनी राय रखी है और परिवार को साथ रखने की बात कही है।
दरअसल, विराट कोहली ने भी कहा था कि विदेशी दौरे पर खिलाड़ियों को परिवार को साथ ले जाने की अनुमति मिलनी चाहिए। उन्होंने इस विषय पर समर्थन दिया था, लेकिन बीसीसीआई ने नियमों को सख्त करते हुए आदेश दिया कि खिलाड़ी अपने परिवार के साथ नहीं रह सकेंगे। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें थीं, जिनमें दौरे की अवधि के अनुसार यह तय किया जाना था कि खिलाड़ी और उनके परिवार कितने दिन तक साथ रह सकते हैं।

यह निजी मामला है: कपिल देव
इस मामले में मंगलवार को एक इवेंट के दौरान भारतीय पूर्व कप्तान कपिल देव ने कहा कि हर किसी को परिवार की जरूरत होती है, लेकिन खिलाड़ियों को खुद परिवार और टीम के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि यह निजी मामला है, लेकिन मुझे लगता है कि यह क्रिकेट बोर्ड का फैसला है। मेरे विचार में खिलाड़ियों को परिवार की जरूरत होती है, लेकिन उन्हें हर समय टीम के साथ रहने की भी जरूरत होती है। हमारे जमाने में क्रिकेट बोर्ड नहीं, बल्कि हम खुद ही तय करते थे कि दौरे का पहला चरण क्रिकेट को समर्पित करें, जबकि दूसरे चरण में परिवार के साथ रहने का आनंद लें। इसमें खिलाड़ियों को संतुलन बनाना चाहिए।”
क्या कहता है नियम?
बता दें कि इससे पहले विराट कोहली ने भी इस बात का समर्थन किया था। बीसीसीआई के नए नियमों के मुताबिक, 45 दिन से अधिक के विदेशी दौरे पर क्रिकेटर अधिकतम 14 दिन तक ही अपने परिवार के साथ रह सकते हैं, जबकि 45 दिन से कम अवधि के दौरे में एक सप्ताह तक परिवार खिलाड़ियों के साथ रह सकता है। बीसीसीआई ने यह नियम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया से मिली करारी हार के बाद लिया था। बता दें कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हार के चलते भारतीय टीम पहली बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश करने से चूक गई।