भारतीय क्रिकेट में कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो शानदार प्रदर्शन के बावजूद टीम में वापसी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मयंक अग्रवाल उन्हीं में से एक हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए 21 मैच खेलते हुए 1488 रन बनाए हैं, जिसमें दो दोहरे शतक और कुल 4 शतक शामिल हैं। उनकी शुरुआत इतनी शानदार थी कि उन्हें भविष्य का परमानेंट ओपनर माना जा रहा था। लेकिन इसके बावजूद पिछले तीन साल से उन्हें टेस्ट टीम में मौका नहीं मिला है।
हालांकि उम्मीद लगाई जा रही थी कि मयंक अग्रवाल को इंग्लैंड दौरे के लिए टीम इंडिया ए में शामिल किया जाएगा। लेकिन एक बार फिर उन्हें मौका नहीं दिया। हालांकि इसकी वजह घरेलू टेस्ट सीरीज के दौरे पर निराशाजनक प्रदर्शन को माना जा रहा है। लेकिन विदेशी सरजमीं पर उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है।

केएल राहुल और यशस्वी के चलते छूट गया मौका
इसके अलावा मयंक अग्रवाल को टेस्ट टीम से बाहर किए जाने की बड़ी वजहों में एक थे केएल राहुल। जब राहुल को मौका मिला तो मयंक को बेंच पर बैठना पड़ा। उसके बाद यशस्वी जायसवाल जैसे युवा बल्लेबाज ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह मजबूत कर ली। ऐसे में मयंक को लगातार नजरअंदाज किया गया। यहां तक कि जब भारत में ओपनिंग स्लॉट को लेकर बार-बार बदलाव हुए, तब भी मयंक को एक बार भी दोबारा मौका नहीं मिला। वह सिर्फ बाहर से टीम की सफलता को देख रहे हैं और घरेलू टूर्नामेंट्स में रन बनाकर खुद को साबित करते जा रहे हैं।
घरेलू क्रिकेट में अब भी कर रहे हैं शानदार प्रदर्शन
मयंक अग्रवाल ने टीम इंडिया से बाहर होने के बाद रणजी ट्रॉफी और घरेलू टूर्नामेंट्स में जबरदस्त बल्लेबाजी की है। वह कर्नाटक टीम की कप्तानी भी कर चुके हैं और लगातार टीम को मजबूती दे रहे हैं। कई बार उन्होंने ऐसी पारियां खेली हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले किसी भी बल्लेबाज के लिए मिसाल बन सकती हैं। इसके बावजूद बीसीसीआई और चयनकर्ताओं की नजरें उन पर नहीं पड़ रही हैं। न ओपनिंग में, न ही मिडिल ऑर्डर में उनके लिए कोई जगह बनाई जा रही है। यह सवाल उठाता है कि आखिरकार इतने अनुभव और प्रदर्शन के बावजूद कोई खिलाड़ी कब तक मौका मिलने का इंतजार करता रहेगा?