खेल, डेस्क रिपोर्ट। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के दूसरे दिन पहले से ही गोल्ड मेडल की पक्की दावेदार मानी जा रही मीराबाई चानू ने बिल्कुल भी देश को निराश नहीं किया और वेटलिफ्टिंग के 49 किग्रा स्पर्धा में गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
The exceptional @mirabai_chanu makes India proud once again! Every Indian is delighted that she’s won a Gold and set a new Commonwealth record at the Birmingham Games. Her success inspires several Indians, especially budding athletes. pic.twitter.com/e1vtmKnD65
— Narendra Modi (@narendramodi) July 30, 2022
मीराबाई ने स्नेच राउंड में कुल 88 किग्रा और क्लीन एंड जर्क राउंड में 113 किग्रा के साथ कुल 201 कि.ग्रा वजन उठाया।
Meera bai backs another gold in Commonwealth Game-2022#CommonwealthGames #CommonwealthGames22 #MirabaiChanu #Birmingham pic.twitter.com/GUbFmeTTSs
— Anupam Tiwari (@Anu_Journalist1) July 30, 2022
Indian national anthem play for the first time in CWG 2022 because of weight lifting champion meera bai chanu#CommonwealthGames #MiraBanuChanu #weightlifting @mirabai_chanu #Birmingham #India4CWG2022 pic.twitter.com/R0YCa3v4xW
— Anupam Tiwari (@Anu_Journalist1) July 30, 2022
ऐसा रहे दोनों राउंड
क्लीन एंड जर्क राउंड
पहला प्रयास – 109 किग्रा
दूसरा प्रयास- 113 किग्रा
तीसरा प्रयास- 115 किग्रा (असफल)
स्नैच राउंड
पहला प्रयास – 84 किग्रा
दूसरा प्रयास- 88 किग्रा
तीसरा प्रयास-90 किग्रा (असफल)
ऐसा रहा मीराबाई का सफर
मणिपुर के एक छोटे से गांव से आने वाली मीराबाई चानू ने केवल 11 साल की उम्र में अंडर-15 चैम्पियन और 17 साल की उम्र में जूनियर चैंपियनशिप जीती थी। मीराबाई ने साल 2016 में अपने ही आइडियल कुंजुरानी देवी का 12 साल के पुराने राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़कर 192 कि.ग्रा. वजन उठाया था।
लेकिन साल 2016 मीराबाई के करियर का सबसे खराब दौर रहा जहां वह रियो ओलंपिक में उनसे पदक की उम्मीद की जा रही लेकिन वह वजन नहीं उठा पाई थी और उनके नाम के सामने ‘डिड नॉट फिनिश’ लिखा था।
लेकिेन साल 2016 के रियो ओलंपिक में इतने खराब प्रदर्शन के बाद मीराबाई ने दमदार वापसी करते हुए 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था।
इसके बाद साल 2020 के टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर ओलंपिक में भारत के लिए वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी।