एशियन गेम्स 2023 में नीरज चोपड़ा ने जीता गोल्ड, 88.88 मीटर दूर फेका भाला

Shashank Baranwal
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Gold Medal

Asian Games 2023: हांगझाउ में चल रहे एशियन गेम्स में भारत का मेडल जीतने का अभियान जारी है। भारत के एथलीट्स अलग अलग गेम्स में मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन कर रहे है। इस क्रम में नीरज चोपड़ा ने 88.88 मीटर दूर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है। वहीं किशोर जेना ने 87.54 मीटर दूर भाला फेंक कर भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता। इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि जेवलिन में भारत ने एक साथ दोनों मेडल जीते हों।

 

आपको बता दें नीरज चोपड़ा का शुरुआती दौर ज्यादा अच्छा नहीं था। उनके पहले थ्रो जो कि 90 मीटर था। उसको दूरी नापने वाली मशीन में दिक्कत होने के कारण फाउल करार दे दिया गया था। इसके बाद नीरज ने फिर से पहले प्रयास में 82.38 मीटर दूर भाला फेंका। वहीं दूसरे प्रयास में 84.49 मीटर दूर थ्रो फेंका। नीरज चोपड़ा का तीसरा प्रयास फाउल हो गया था।

 

चौथे प्रयास में नीरज को मिली बढ़त

किशोर जेना ने अपने तीसरे प्रयास में 86.77 मीटर दूर थ्रो किया।  जिसके बाद किशोर जेना नीरज चोपड़ा से आगे निकल गये। फिलहाल नीरज ने अपने चौथे प्रयास में 88.88 मीटर दूर थ्रो कर बढ़त बना ली थी। वहीं किशोर जेना ने अपने चौथे प्रयास में जोर आजमाइश के बाद 87.54 मीटर दूर भाला फेंका। आपको बता दें नीजर चोपड़ा अपने पांचवें प्रयास में 80.80 मीटर दूर ही भाला फेंक सके और छठा प्रयास फाउल हो गया। इसके बावजूद भी नीरज ने गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। वहीं किशोर जेना का पांचवां और छठा प्रयास फाउल रहा और सिल्वर मेडल अपने नाम किया।

जापान के डीन रॉड्रिक गेनकी को मिला ब्रॉन्ज मेडल

जापान के डीन रॉड्रिक गेनकी ने 82.68 मीटर दूर भाला फेंक कर तीसरे पायदान पर रहे और ब्रॉंन्ज मेडल से ही संतोष करना पड़ा।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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