नेपाल क्रिकेट एसोसिएशन ने संदीप लामिछाने को किया सस्पेंड, 10 जनवरी को कोर्ट ने सुनाई थी 8 साल की सजा

Sandeep Lamichhane

Sandeep Lamichhane suspended: नेपाल क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान संदीप लामिछाने पर नेपाल क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। उनको नेपाल क्रिकेट से सस्पेंड कर दिया गया है। दरअसल, 10 जनवरी को काठमांडू कोर्ट ने उन्हें रेप केस के सिलसिले में 8 साल की सजा सुनाई थी। जिसके एक दिन बाद ही नेपाल क्रिकेट एसोसिएसन ने बड़ा एक्शन लिया है। वहीं सस्पेंड होने के बाद संदीप लामिछाने अब किसी भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का हिस्सा नहीं बन पाएंगे।

बुधवार को कोर्ट ने सुनाई थी सजा

बुधवार, 10 जनवरी को काठमांडू जिला कोर्ट की तरफ से संदीप लामिछाने को रेप के मामले में 8 साल की सजा सुनाई थी। यह लजा शिशिर कुमार ढकाल की पीठ ने सुनाई है। उन पर 14 साल की लड़की के साथ रेप करने का आरोप जनवरी 2023 में लगा था। जिसके बाद अदालत में मामला खिंचता गया। वहीं T20 विश्व कप के क्वालिफाई के लिए उन्हें टीम के साथ विदेश यात्राएं करनी पड़ी। इस दौरान टीम की कमान उन्हीं के हाथों में थी। जिस कारण से मामला और बढ़ता गया। वहीं संदीप लामिछाने को अदालत से सजा मिलने के बाद नेपाल क्रिकेट एसोसिएशन ने प्रेस रिलीज जारी कर उन्हें क्रिकेट से सस्पेंड कर दिया है। वहीं अब क्रिकेट के किसी फार्मेंट में वो नहीं खेल सकेंगे।

ये रहा संदीप लामिछाने का क्रिकेट करियर

संदीप लामिछाने नेपाल क्रिकेट टीम के कप्तान और लेग स्पिन गेंदबाज रह चुके हैं। उन्होंने अपने क्रिकेट करियर के वनडे फॉर्मेट में कुल 51 मैच और T20 फॉर्म्ट में कुल 58 मैच खेल चुके हैं। इस दौरान उहोंने वनडे में कुल 112 विकेट और T20 क्रिकेट में कुल 98 विकेट अपने नाम किए हैं। इसके साथ ही संदीप लामिछाने IPL भी खेल चुके हैं। उन्होंने दिल्ली कैपिटेल्स की तरफ से मैच खेला है। जहां 9 मैच खेलकर उन्होंने 13 विकेट हासिल किए हैं।


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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