पाकिस्तान महिला टीम ने न्यूजीलैंड को सुपर ओवर में हराकर दर्ज की ऐतिहासिक जीत

Shashank Baranwal
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PAKW vs NZW

PAK W vs NZ W: पाकिस्तान महिला टीम और न्यूजीलैंड महिला टीम के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज गई। जिसमें न्यूजीलैंड की टीम ने 2-1 से बढ़त बनाकर सीरीज अपने कब्जे में कर लिया है। हालांकि आखिरी वनडे मैच काफी रोमांचकारी था। जहां पाकिस्तानी महिला टीम ने न्यूजीलैंड को सुपर ओवर में हराकर जीत दर्ज की। वहीं यह जीत पाकिस्तान महिला टीम के लिए बहुत बड़ी जीत है, क्योंकि न्यूजीलैंड में पाकिस्तान की यह पहली जीत है।

दोनों टीमों ने बनाए 251 रन

बता दें पहले बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम ने 50 ओवर में 8 विकेट गंवाकर 251 रन बना पाई थी। जहां न्यूजीलैंड की तरफ से सबसे ज्यादा अमेलिया केर ने 87 गेंदों में शानदार अर्द्धशतक लगाते हुए 77 रन बनाई। वहीं दूसरी तरफ मैडी ग्रीन ने 69 गेंदों में 65 रनों की अर्द्धशतकीय पारी खेली। वहीं 252 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान महिला टीम ने महज 251 रन ही बना पाई। इस दौरान पाकिस्तान की तरफ से सबसे ज्यादा रन बिस्माब मारूफ ने बनाया। उन्होंने 86 गेंदों में 68 रनों की अर्द्धशतकीय पारी खेली। वहीं दूसरे नंबर पर आलिया रियाज ने 44 रनों की पारी खेली। जबकि कप्तान फातिमा सना ने 36 रन बनाई।

सुपर ओवर में पाकिस्तान महिला टीम ने जीता मैच

पाकिस्तान की टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए 251 रनों पर ही सिमट गई। जिसके बाद सुपर ओवर हुआ। जहां पाकिस्तान की टीम ने 11 रन बनाई थी। वहीं सुपर ओवर में 11 रनों का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की महिला टीम ने महज 88 रन बना पाई। सुपर ओवर में सादिया इकबाल ने 8 रन देकर 2 विकेट लिए। इस तरह पाकिस्तान महिला टीम ने सुपर ओवर में 3 रन से जीतकर इतिहास रच दिया।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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