पृथ्वी शॉ इस समय अपने करियर के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। एक समय पर उन्हें क्रिकेट के बड़े-बड़े दिग्गजों का बचपन कहा जाता था। माना जाता था कि पृथ्वी शॉ आगे चलकर सचिन तेंदुलकर की तरह ही भारत का नाम ऊंचा करेंगे, लेकिन पिछले कुछ समय से वह अपनी घरेलू टीम में भी जगह बनाने में नाकाम रहे हैं। एक समय आईपीएल में उन्हें खरीदने के लिए टीमें पूरी कोशिश करती थीं, लेकिन अब पृथ्वी शॉ पर किसी टीम की नजर तक नहीं जा रही। अब टीमें पृथ्वी शॉ से दूरी बनाती नजर आ रही हैं। आईपीएल 2025 में किसी भी टीम ने उन्हें नहीं खरीदा।
दरअसल, पृथ्वी शॉ भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप जिता चुके हैं। वह अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान रहे हैं, जबकि भारत के लिए भी उन्होंने मैच खेले हैं। भारत के लिए टेस्ट डेब्यू करते हुए पृथ्वी शॉ ने सेंचुरी भी लगाई थी। फिर ऐसा आखिर क्या हुआ कि पृथ्वी शॉ अब टीम में जगह बनाने में नाकाम नजर आ रहे हैं? क्या पृथ्वी शॉ भी अंडर-19 के पूर्व कप्तान उन्मुक्त चंद के रास्ते पर चलते नजर आ रहे हैं?

पृथ्वी शॉ और उन्मुक्त चंद की तुलना क्यों की जा रही है?
अब सवाल उठता है कि आखिर पृथ्वी शॉ और उन्मुक्त चंद की तुलना क्यों की जा रही है? दरअसल, उन्मुक्त चंद ने भी भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप बतौर कप्तान जिताया था। उन्मुक्त चंद भारत के सबसे युवा और शानदार क्रिकेटरों में गिने जाते थे। माना जा रहा था कि उन्मुक्त चंद भारत के लिए भविष्य में कई शानदार मैच जीत सकते हैं, लेकिन उन्होंने मात्र 28 साल की उम्र में संन्यास का ऐलान कर सभी को चौंका दिया था।
उन्मुक्त चंद ने संन्यास का ऐलान क्यों किया, इसके पीछे एक खास वजह रही। दरअसल, डोमेस्टिक क्रिकेट और अंडर-19 टीम के लिए शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद उन्मुक्त चंद भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाए। अक्सर यह सवाल उठते हैं कि उन्मुक्त चंद को कई बार सेलेक्शन कमेटी द्वारा नजरअंदाज किया गया, लिहाजा उन्होंने इतनी कम उम्र में संन्यास लेने का निर्णय लिया।
क्रिकेट को लेकर मुश्किलों का सामना कर रहे हैं
अब पृथ्वी शॉ भी पिछले 7 साल से इसी तरह क्रिकेट को लेकर मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। जानकर हैरानी हो सकती है कि पृथ्वी शॉ की कप्तानी में शुभमन गिल, रियान पराग और अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ियों ने अंडर-19 वर्ल्ड कप खेला था। लेकिन ये खिलाड़ी अब भारत की टीम का हिस्सा बन चुके हैं। हालांकि रियान पराग ने अभी उतना नाम नहीं कमाया है जितना शुभमन गिल ने, लेकिन भारत के कप्तान रहे पृथ्वी शॉ इतने पीछे कैसे छूट गए?
ये है सबसे बड़ा कारण
बता दें कि पृथ्वी शॉ के करियर में गिरावट का मुख्य कारण उनकी फिटनेस रही है। कई बार उनकी फिटनेस को लेकर सवाल खड़े हो चुके हैं और फिटनेस के कारण ही उन्हें टीम इंडिया से बाहर का रास्ता देखना पड़ा। अब तो फिटनेस की वजह से वह अपनी डोमेस्टिक टीम में भी जगह नहीं बना पा रहे हैं। यह कहानी कहीं न कहीं सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली की कहानी से मिलती-जुलती है। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि पृथ्वी शॉ जल्द ही सफलता की राह पर लौटेंगे और भारतीय टीम में कमबैक करेंगे।